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सीहोर जिले के भेरूंदा में मंगलवार को भारी बारिश दर्ज हुई है। यहां कुछ ही घंटे में 71 एमएम बारिश हुई। इससे सड़कों पर जल भराव हो गया। इतना ही इसमें लोगों की गाड़ियां भी बहने लगी। इसके चलते कोलार डैम के गेट 4 और 5 50-50 सेंटीमीटर पर खोले गए।
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बता दें कि गत वर्ष इसी अवधि में औसत वर्षा 762.5 मिलीमीटर थी। जिले की वर्षा ऋतु में सामान्य औसत वर्षा 1148.4 मिलीमीटर है। अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक जिले के वर्षामापी केन्द्र सीहोर में 1084.8 मिलीमीटर, श्यामपुर में 939.0, आष्टा में 917.0, जावर में 689.0, इछावर में 1232.5, भैरूंदा में 809.7, बुधनी में 1112.1, रेहटी में 1093.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।वर्षामापी केन्द्र सीहोर में 1.0 मिलीमीटर, श्यामपुर में 0.0, आष्टा में 27.0, जावर में 55.0, इछावर में 13.0, भैरूंदा में 71, बुधनी में 2.0, रेहटी में 18.0 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
कुछ घंटे हुई तेज बारिश की वजह से सड़कों पर जलभराव हो गया।
स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है की बदलते मौसम के कारण मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बना रहता है। ऐसे मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए जिले में निरंतर जन-जागरुकता कार्य किया जा रहा है। मच्छरजनित बीमारियों में मलेरिया सबसे प्रचलित बीमारी है। यह बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है। ठंड लगकर बुखार आना मलेरिया का प्रमुख लक्षण हैं।
मलेरिया की जांच व दवाइयां सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क प्रदान की जाती है। साथ ही आशा कार्यकर्ताओं से संपर्क कर भी जांच करवाई जा सकती है। मलेरिया के इलाज के लिए प्रमाणिक एवं सुरक्षित दवाएं उपलब्ध हैं। मच्छरों से होने वाली बीमारी डेंगू की पहचान सही समय पर ना किए जाने पर घातक रूप ले सकती है।
बदलते मौसम के कारण कई बीमारियों के लिए खतरा बनता है, जिनमें मच्छरों से होने वाली बीमारियां प्रमुख हैं। बारिश के मौसम में पानी के जमा होने एवं गंदगी होने के कारण मच्छरों का पनपना आसान होता है। मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया जैसी बीमारियां होती हैं जो कि कई बार गंभीर भी हो सकती हैं। जिसके अंतर्गत डेंगू, चिकिनगुनिया, मलेरिया जैसी संक्रमण बीमारियों से बचाव के उपाय बताए जाएंगे।
डेंगू के लक्षण
ये इस बात पर निर्भर करेंगे कि डेंगू बुखार किस प्रकार का है। डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैं। साधारण डेंगू बुखार, डेंगू हेनरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिन्ड्रोम, यदि डेंगू हेमरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिन्ड्रोम का तुरन्त उपचार शुरू नहीं किया जाता है तो वे जानलेवा सिद्ध हो सकते हैं। चिकिनगुनिया भी एडिज मच्छर से होने वाली बीमारी है। मच्छर को पनपने से रोकना एवं मच्छरों से स्वयं को बचाना इन बीमारियों से बचने का सबसे आसान उपाय है। पानी के भराव को रोकना, आसपास के परिवेश में स्वच्छता का निर्माण, मच्छरदानी का उपयोग इत्यादि बेहद सरल उपाय हैं जो कि मच्छरों से एवं उनसे होने वाली बीमारियों से बचाव कर सकता है।
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