[ad_1]
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) के तहत बने प्रदेश के पहले नोनेरा-ऐबरा बांध की टेस्टिंग का आज तीसरा दिन है। कालीसिंध नदी के पानी को बांध में भरा जा रहा है। इससे बांध का लेवल हर घंटे में 2 से 3 मिलियन क्यूबिक मीटर बढ़ रहा है।
.
अब तक बांध में 215.50 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी आ चुका है। इंजीनियर यह आकलन कर रहे हैं कि जलभराव के बाद बांध के आसपास के कितने इलाके प्रभावित होते हैं। यह भी जांच की जा रही है कि बांध के सभी गेट काम कर रहे हैं या नहीं।
टेस्टिंग के दौरान स्टेट हाईवे-70 (कोटा से श्योपुर) पर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। बांध पर एक पुल भी बनाया जा रहा है, जिससे भविष्य में बांध में पानी की आवक होने पर ट्रैफिक बंद नहीं किया जाएगा। इसका पानी आगे चंबल में छोड़ा जाएगा।
जब तक पुल नहीं बनेगा, बांध पूरा नहीं भरा जा सकेगा जल संसाधन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आर के जैमिनी ने बताया- 5 दिन (8 से 12 सितंबर तक) बांध में पानी भरा जाएगा। फिर पानी आगे छोड़ दिया जाएगा। इन 5 दिनों में डूब क्षेत्र समेत जलभराव की क्षमता की जांच की जाएगी। इसीलिए स्टेट हाईवे-70 पर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है।
नोनेरा बांध में जलभराव के कारण ढिपरी-कालीसिंध पुलिया पर 5 फीट पानी बह रहा है। यह डूब क्षेत्र में आ रहा है। ट्रैफिक पूरी तरह रोक दिया गया है। इसी के समानांतर एक पुल बनाया जा रहा है। इस पुल के बन जाने से भविष्य में बांध में पानी आने के बाद भी ट्रैफिक चलता रहेगा।
20 अक्टूबर 2024 तक पुल का काम पूरा किया जाना है। सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के अनुसार, जब तक पुल का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक इस बांध को पूरी तरह से भरा नहीं जा सकेगा।
नदी में उफान पर आवागमन बाधित नहीं होगा अधिकारियों के अनुसार, इस पुल के बनने के बाद बारिश में नदी में उफान आने पर भी आवागमन बाधित नहीं होगा। अभी इटावा, खातौली होकर मध्य प्रदेश के श्योपुर की ओर जाने के लिए स्टेट हाईवे-70 पर कालीसिंध नदी पुलिया बनी हुई है। यहां रोज औसतन 10 हजार वाहनों की आवाजाही होती है। बारिश में कालीसिंध नदी में उफान आने पर पुलिया के ऊपर पानी रहता है। ऐसे में आवागमन ठप हो जाता है।
हर सेकेंड 30 हजार क्यूसेक पानी आ रहा जल संसाधन विभाग के एईएन दुलीचंद परनामी ने बताया- कालीसिंध नदी की सहायक नदियां आहू उजाड़ और परवन हैं। इन्हीं के सहारे आगे बढ़ती हुई कालीसिंध नोनेरा के बाद चंबल नदी में मिल जाती है। इसी नदी पर बांध का निर्माण हुआ है।
बांध में हर सेकेंड में 25 से 30 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। बांध का लेवल हर घंटे में 2 से 3 मिलियन क्यूबिक मीटर बढ़ रहा है। जैसे-जैसे पानी का डूब क्षेत्रों में फैलाव हो रहा है। वैसे-वैसे भरने की गति (लेवल) 20-30 सेंटीमीटर प्रति घंटा कम होती जा रही है।
बांध को 217 मिलियन क्यूबिक मीटर लेवल तक भरा जाएगा। 10 सितंबर तक बांध के भरने की उम्मीद है। इसके बाद आवश्यकता अनुसार सभी गेट को थोड़ा-थोड़ा खोलकर टेस्टिंग की जाएगी।
10 गांवों के लिए पिछले साल आवंटित हुई थी जमीन इस बांध से दीगोद तहसील के कोटड़ादीपसिंह और मदनपुरा पंचायत के गांव भी डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। इनमें मुख्यतः कोटड़ादीप सिंह, मांगाहेडी, पीपल्दा बीरम, दीवानिया, गावड़ी सहित बड़ौद की निचली बस्तियां शामिल हैं।
हर साल कालीसिंध नदी में उफान पर आने से इन जगहों पर हालात बेकाबू हो जाते हैं और कई गांवों में पानी घुस जाता है।
ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर विस्थापन (रहने के लिए) करने के लिए करीब 10 गांवों के लिए साल 2023 में करीब 81 बीघा भूमि आवंटित हो चुकी है।
तीन बांध और बनेंगे ईआरसीपी के तहत हाड़ौती संभाग में चार बांध बनने हैं। नोनेरा-ऐबरा बांध बन चुका है। इसके अलावा पार्वती नदी-महलपुर, कुल नदी-रामगढ़ और मेज नदी-लाखेरी पर भी बांध बनने हैं।
फोटो, वीडियो-रवि मेघवाल सुल्तानपुर
यह खबर भी पढ़ें…
[ad_2]
Source link