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नई दिल्ली, एजेंसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को ‘गेम चेंजर करार दिया। उन्होंने एनईपी को नहीं अपनाने वाले राज्यों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की भी अपील की। विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि एनईपी में सभी भाषाओं को उचित महत्व दिया गया है। उपराष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी आधिकारिक जानकारी में कहा गया कि धनखड़ ने सभी से कम से कम एक व्यक्ति को साक्षर बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, हमें जल्द से जल्द 100 प्रतिशत साक्षरता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता और जुनून के साथ मिशन मोड में काम करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारे युवाओं को उनकी प्रतिभा और ऊर्जा का पूरा दोहन करने का अधिकार देती है। उन्होंने भरोसा जताया कि यदि साक्षरता को जुनून के साथ आगे बढ़ाया जाए, तो भारत नालंदा और तक्षशिला की तरह शिक्षा के केंद्र के रूप में अपनी प्राचीन स्थिति को फिर से प्राप्त कर सकता है।
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