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नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। परिवहन विभाग के संविदा कर्मचारियों की उन्हें स्थायी नौकरी दिए जाने की मांग को बड़ा झटका लगा है। इससे नाराज कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी। हाल ही में कर्मचारियों ने डीटीसी में आरटीआई दाखिल कर जवाब मांगा तो विभाग ने इस मामले के अधिकार दिल्ली सरकार के पास होने की बात कहकर संविदा कर्मचारियों को स्थायी किए जाने की संभावना से इनकार कर दिया। स्थायी नौकरी न दिए जाने की स्थिति में समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने की मांग पर विभाग ने कहा कि प्रकरण श्रम विभाग में विचाराधीन है।
दरअसल, परिवहन विभाग में बड़ी संख्या में ड्राइवर और अन्य पदों पर कर्मचारी ऐसे हैं, जो 10-15 साल से अनुबंध पर काम कर रहे हैं। स्थायी कर्मचारियों की तुलना में उन्हें वेतन भी बेहद कम मिल रहा है। स्थायीकरण और समान कार्य के लिए समान वेतन समेत विभिन्न मांगों के लिए यह कर्मचारी कई बार विरोध जता चुके हैं और उच्चाधिकारियों से वार्ता कर चुके हैं। आश्वासन के बावजूद इनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं। ऐसे में अब कर्मचारियों ने आरटीआई दाखिल कर इस प्रकरण पर लिखित तौर पर विभाग का रुख जानना चाहा। उन्होंने स्थायी कर्मचारियों के लिए कैशलेस मेडिकल सुविधा दिए जाने पर भी जानकारी चाही थी, लेकिन विभाग की ओर से कर्मचारियों के लिए कैशलेस मेडिकल सुविधा का प्रावधान न होने की बात कही है।
डीटीसी में चालकों को वरिष्ठता के आधार पर एटीआई, टीटीई और सहायक कैशियर के पद पर पदोन्नति दिए जाने की मांग पर विभाग का कहना है कि चालकों को पदोन्नति नहीं दी जा सकती है। डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के महासचिव मनोज शर्मा का कहना है कि कई अन्य मांगें ऐसी हैं जो लंबे समय से की जा रही हैं। उनका कहना है कि इनके लिए अक्तूबर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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