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झारखंड में वीवीआईपी सुरक्षा के लिए 17 बुलेट प्रूफ इनोवा कार की खरीद की गई है। वर्तमान में पांच बुलेट प्रूफ वाहन रांची आ गए हैं, जल्द ही इसकी डिलिवरी राज्य पुलिस को होनी है। जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के काफिले में एक- एक बुलेट प्रूफ गाड़ियां हैं। लेकिन अब राज्यपाल व सीएम के लिए रिजर्व में भी एक-एक बुलेट प्रूफ गाड़ियां रखी जाएंगी।
जेड प्लस सुरक्षा कवर पाने वालों को भी बुलेट प्रूफ वाहन
राज्य में जेड प्लस सुरक्षा श्रेणी से अच्छादित वीवीआईपी को भी बुलेट प्रूफ वाहन दिए जाएंगे। उनके काफिले में बुलेट प्रूफ वाहन अनिवार्य होगा। सरकार ने इसी उदेश्य से कुल 17 वाहनों को अहमदबाद में बुलेट प्रूफ बनाने का काम सौंपा है। बुलेट प्रूफ वाहनों की सुरक्षा जांच भी राज्य पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने की है, जिसमें सुरक्षा प्रबंधन को अनुकूल पाया गया है।
जिलों में उपलब्ध कराए जाएंगे नए वाहन
राज्य के अलग-अलग जिलों के एसपी रैंक के अधिकारियों के लिए भी 20 वाहनों की खरीद की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा एसआरई जिलों की लिस्ट से कई जिलों को हटा दिया गया है। ऐसे में इन जिलों में भी एसपी रैंक के अधिकारी को उनकी उपयोगिता के अनुसार नई स्कार्पियो दी जाएगी। अधिकांश जिलों में एसपी रैंक के अधिकारियों के द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे वाहन पुराने हो चुके हैं, ऐसे में पंद्रह साल से अधिक पुराने वाहनों को कंडम घोषित कर नए वाहन जिलों में उपलब्ध कराए जाएंगे।
जानिए बुलेटप्रूफ कार कैसे सुरक्षा कवच
बुलेटप्रूफ कार दिखने में साधारण, पर जो इसमें बैठा होता है उसके लिए यह चलता-फिरता सुरक्षा कवच है। बुलेटप्रूफ गाड़ियां अलग से नहीं आती, बल्कि सामान्य गाड़ी को ही बुलेटप्रूफ बनाया जाता है।
बख़्तरबंद छत: आर्मर ग्रेड छत प्रोटेक्शन को कार की छत वाले हिस्से की सुरक्षा के लिए खास डिजाइन किया जाता है। खास फायरिंग स्लॉट्स बनाए जाते है।
360 डिग्री बुलेटप्रूफ प्रोटेक्शन: आर्मर किट ऐसे कि यात्री कम्पार्टमेंट के उच्च गुणवत्ता वाले स्टील कवच और कांच को गोला-बारूद से बचाते हैं। गन पोर्ट के साथ आर्मरड बल्क हेड लगे होते हैं। गन पोर्ट हमले का सामना करता है।
ब्लास्ट प्रूफ फ्लोर: यह आर्मर्ड स्टील फर्श में होता है, जो हैंड ग्रेनेडों को भी विफल करता हैं।
पारदर्शी बुलेटप्रूफ ग्लास: बुलेटप्रूफ ग्लास गोलियों को रोकता है। इसमें दो पारदर्शी प्लास्टिक की परतें होती हैं और इनके बीच पॉली कार्बोनेट की लेयर होती है।
रन फ्लैट टायर सिस्टम: बैलेस्टिक हमले व पंक्चर होने पर भी 90 किमी प्रति घंटे की गति से लगभग 300 किमी तक जा सकता है।
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