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राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर-2021 पेपर लीक में एसओजी 42 ट्रेनी एसआई, आरपीएससी के दो पूर्व सदस्य सहित 73 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब भर्ती परीक्षा रद्द होगी या नहीं, इसको लेकर असमंजस है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसओजी ने एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने का प्रस्ताव भेज दिया है। ऐसे में भास्कर ने एसओजी की जांच के बिंदू, कोर्ट में पेश की गई 3 चार्जशीट और सूत्रों से मिली जानकारी को शामिल कर 9 मुख्य पॉइंट्स तैयार किए हैं, जिनके आधार पर भर्ती परीक्षा रद्द करने की अनुशंसा की गई है।
दोबारा एग्जाम करवाना कितना चुनौतीपूर्ण होगा? रिपोर्ट में परीक्षा रद्द करने की सिफारिश के लिए किन बातों को आधार बनाया गया है? पढ़िए – संडे बिग स्टोरी…
1. संगठित गिरोह ने बड़े स्तर पर की गड़बड़ियां
विवादों में घिरी एसआई भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में एसओजी ने फरवरी में केस दर्ज किया था। पेपर लीक के साथ ही डमी कैंडिडेट, नकल कराने और फर्जी डिग्री जैसे मामलों में 14 केस दर्ज किए गए। एसओजी ने अपनी जांच में माना कि बड़े स्तर पर कई एग्जाम सेंटर पर अभ्यर्थी अनुचित तरीकों से परीक्षा देकर पास हुए। इसमें संगठित गिरोह के अलावा कई अभ्यर्थी निजी स्तर पर भी सक्रिय रहे। जिससे परीक्षा की गोपनीयता और शुचिता प्रभावित हुई है।
2. सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुआ पेपर
एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर जयपुर के एक परीक्षा सेंटर से लीक होकर सोशल मीडिया के जरिए पेपर माफिया से जुड़े विभिन्न साइट हैंडलर्स के पास पहुंचा। गिरोह ने हसनपुरा के शांति नगर में रवींद्र बाल भारती सीनियर सैकेंडरी स्कूल से यह पेपर लीक किया था। जगदीश विश्नोई, यूनीक भांभू व शिवरतन मोट ने स्कूल के केंद्राधीक्षक राजेश खंडेलवाल के साथ मिलकर योजना को अंजाम दिया।
यूनिक भांभू ने परीक्षा से पहले पेपर के फोटो लेकर वॉट्सऐप के जरिए जगदीश विश्नोई को भेजे। जगदीश ने अपने सॉल्वर को भेजे। इसके बाद सॉल्वड पेपर को राजस्थान के विभिन्न भागों में मौजूद यूनिक भांभू के साइट हैंडलर्स के मास्टर ग्रुप में एक साथ भेजा। साइट हैंडलर्स ने इसे अभ्यर्थी तक पहुंचाया। परीक्षा से पहले यह पेपर एक से दूसरे पेपर गिरोह माफिया तक पहुंच चुका था।
सोशल मीडिया के जरिए पेपर सकुर्लेट होने के कारण एसओजी ने एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर को लीक मानते हुए इनके खिलाफ केस दर्ज किए। सोशल मीडिया के जरिए पेपर सर्कुलेट करने वालों पर शिकंजा कसा जा चुका है। लेकिन और कितने अभ्यर्थियों तक यह पेपर पहुंचा, इसकी कई कड़ियां धीरे-धीरे खुलती जा रही हैं।
3. दो पेपर माफिया गिरोह रहे सक्रिय
पेपर गिरोह माफिया जगदीश विश्नोई उर्फ गुरु के साथ ही अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा ने अपने साइट हैंडलर्स के जरिए दर्जनों अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया। इसके साथ ही अनिल मीणा ने सॉल्वड पेपर का 50 लाख में भूपेंद्र सारण के साथ सौदा किया और 25 लाख रुपए ले लिए।
इसी पेपर से भूपेंद्र सारण व सुरेश ढाका ने साइट हैंडलर्स की मदद से अभ्यर्थियों को पढ़ाया। एसओजी जांच में ऐसे चयनित अभ्यर्थियों की पुष्टि हुई है। वहीं कई अभ्यर्थियों ने चयन होने के बावजूद जॉइन नहीं किया। पेपर लीक केस की जांच के दौरान शुरुआत में दो गिरोह की पहचान उजागर हुई। इसके बाद 37 प्रशिक्षु थानेदार को गिरफ्तार किया गया।
4. प्रदेश के कई जिलों में पहुंचा लीक पेपर
एसओजी ने बताया कि कैसे पेपर लीक होने के बाद कई जिलों में पहुंचा। जिससे बड़े पैमाने पर फर्जी अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। उदाहरण के तौर पर उदयपुर में हर्षवर्धन के बताए दो युवको को अशोक सिंह नाथावत व राजेंद्र यादव ने सॉल्वड पेपर पढ़ाया। इसके साथ ही अशोक व राजेंद्र यादव को एसआई भर्ती परीक्षा में शामिल होने से पहले एक होटल में साइट हैंडलर्स ने पेपर पढ़ाए थे।
इनके साथ बीकानेर निवासी प्रेमसुखी और दो अन्य अभ्यर्थी भी थे, उन्हाेंने भी मोबाइल पर पेपर पढ़ा था। हर्षवर्धन ने गिरोह के अन्य सहयोगी के जरिए दौसा के रिंकू शर्मा के मोबाइल पर पेपर भेजा। जहां कई परीक्षार्थियों ने पेपर पढ़ा।
5. फर्जी डिग्री से भी बने थानेदार
इसके अलावा एसआई बनने के लिए अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री का भी इस्तेमाल किया। जांच में एसओजी को 14 ट्रेनी एसआई की डिग्रियों में हेरफेर होना पाया है। जांच में 40 में से 23 एसआई की डिग्री फर्जी मिली। जिनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है। एसओजी को हेल्पलाइन पर सैकड़ों शिकायतें सब इंस्पेक्टर भर्ती पेपर लीक केस मामले में प्राप्त हुई हैं।
शिकायत और जांच में बड़े पैमाने पर परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाने का खुलासा हुआ है। इन डमी कैंडिडेट और अभ्यर्थियों की धरपकड़ चल रही है। एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर में स्कूल स्तर पर नकल के प्रमाण मिले हैं। जोधपुर के एक परीक्षा केंद्र के स्कूल संचालक ने 8 लाख रुपए लेकर पूर्व सैनिक बिजेंद्र कुमार को पेपर सॉल्व कर नकल करवाई थी। पेपर सॉल्व करने में मदद कराने वाली एक महिला रितु शर्मा सहित अनिल सांखला और अर्जुन प्रजापति को एसओजी ने गिरफ्तार किया है।
चिड़ावा निवासी रितु शर्मा को पुलिस ने स्कूल में एसआई भर्ती के पेपर में नकल कराने के जुर्म में अरेस्ट किया है।
6. एसओजी के डमी एग्जाम के नतीजे पक्ष में नहीं
एसओजी ने राजस्थान पुलिस एकेडमी में तीन बार छापेमारी कर जिन ट्रेनी एसआई को पकड़ा, उनकी डमी परीक्षा करवाई गई थी। उस परीक्षा में इनका एप्टिट्यूड लेवल बेहद कमजोर पाया गया है। इससे भी यह बात साबित होती है कि आरोपी ट्रेनी एसआई ने या तो डमी कैंडिडेट के जरिए परीक्षा दी थी। या लीक पेपर पढ़कर।
7. आरपीएससी तक पहुंची जांच
पुलिस हेडक्वार्टस से भेजे गए प्रस्ताव में जांच एजेंसी ने माना कि एसआई भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियां केवल पेपर लीक या डमी कैंडिडेट तक ही सीमित नहीं है। इंटरव्यू लेवल तक अप्रोच का इस्तेमाल हुआ है। एसओजी ने आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका और उसके बेटे व बेटी को हाल ही में पकड़ा है।
जांच में सामने आया कि परीक्षा से पांच दिन पहले रामूराम ने बाबूलाल कटारा से एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर लिया था। जिसे उन्होंने बेटे व बेटी को पढ़ाया था। इंटरव्यू के दौरान भी बाबूलाल ने दोनों बच्चों की मदद की थी।
15 सितंबर को परीक्षा देने वाले 47 प्रतिशत बने एसआई
आरपीएससी ने एसआई के 859 पदों पर भर्ती के लिए तीन दिन परीक्षा आयोजित कराई। ये भर्ती परीक्षा 13 से 15 सितंबर 2021 तक हुई। इसे संयोग कहें या प्रयोग कि एसआई भर्ती परीक्षा के तीसरे दिन यानी 15 सितंबर को परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों में से 47 प्रतिशत का एसआई भर्ती परीक्षा में चयन हो गया।
जबकि परीक्षा के दूसरे दिन 14 सितंबर को 249 अभ्यर्थी का चयन हुआ जो 28 प्रतिशत रहा। परीक्षा के पहले दिन केवल 140 अभ्यर्थी का चयन हुआ जो भर्ती परीक्षा का 16 प्रतिशत था। रामूराम राईका के बेटे देवेश ने 13 सितंबर को जयपुर में परीक्षा दी थी। वहीं बेटी शोभा ने 15 सितंबर को भरतपुर में परीक्षा दी थी। ऐसे में तीन दिन भर्ती परीक्षा कराना भी संदेह के घेरे में है।
एसआई भर्ती लिस्ट के आरोपी चेहरे और उनके माफियाओं से संबंध
- आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका की बेटी शोभा की 5वीं रैंक तो वहीं बेटे देवेश की 40वीं रैंक आई। इससे पहले दोनों का कभी किसी भर्ती परीक्षा में चयन नहीं हो सका।
- भर्ती परीक्षा का टॉपर नरेश विश्नोई पेपर माफिया सुरेश विश्नोई का रिश्तेदार और सहकर्मी उसी के स्कूल में क्लर्क था।
- चूरू की पूनियां कॉलानी के 4 अभ्यर्थी चयनित। 13वीं रैंक से राकेश, 24वीं रैंक विवेक भांभू, 123वीं रैंक एकता और 385वीं रैंक पर रोहिताश कुमार का चयन। ये पेपर लीक माफिया यूनिक भांभू उर्फ पंकज भांभू के निकट संबंधी हैं।
अब उन अभ्यर्थियों की कहानी जो कुछ अंकों से मेरिट में आने से रह गए…
1. आरएएस प्री में चयन, एसआई भर्ती में रह गए करण : जयपुर जिले के शंकरपुरा गांव में रहने वाले करण सिंह गुर्जर ने बताया कि भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू में भी गड़बड़ी हुई। जिसके कारण उनके जैसे कई युवकों का सिलेक्शन नहीं हो सका। मेरा एसआई परीक्षा में सिलेक्शन नहीं होने पर 1 अक्टूबर 2023 को आरएएस प्री परीक्षा दी। जिसमें सिलेक्शन हुआ। अब आरएएस मेंस एग्जाम के रिजल्ट का इंतजार है।
एसआई भर्ती में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए करण सिंह ने बताया कि उन्होंने 13 सितंबर को पेपर दिया था। नॉमर्लाइजेशन प्रोसेस में उनके 15 अंक कम कर दिए गए जबकि 15 सितंबर को एग्जाम देने वाले अभ्यर्थियों के 15 नंबर बढ़ा दिए गए। ऐसे में एसआई भर्ती परीक्षा दोबारा होनी चाहिए। जिससे मेहनत करने वाले युवाओं को राहत मिले।
2. पेपर लीक के कारण मेरिट हाई हुई : जमवारामगढ़ के रहने वाले ऋषिकेश मीणा ने बताया पिछली एसआई भर्ती परीक्षा में एसटी की कट ऑफ 207 गई थी। उसी के अनुसार मुझे सिलेक्शन की उम्मीद थी। लेकिन जब लोगों के पास पहले से ही पेपर हो तो मेरिट हाई जानी ही थी।
गड़बड़ी करने वाले दोषियों पर सख्त कार्रवाई होने के साथ परीक्षा भी दोबारा होनी चाहिए। अगर इंटरव्यू क्लियर कर ट्रैनिंग कर रहे अभ्यर्थी इस पर सवाल उठाते हैं तो उन्हें बोनस नंबर देकर या कोई और रास्ता निकाला जाना चाहिए।
एक्सपर्ट से जानिए, एसआई भर्ती परीक्षा केस में सरकार के पास क्या विकल्प हैं?
आरपीएससी के पूर्व सदस्य प्रोफेसर पीके दशोरा का कहना है एसओजी की जांच में सामने आया है कि एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर अलग अलग स्तर पर लीक हुआ है। कई जिलों में इसको लेकर केस दर्ज हुए हैं। आरपीएससी से भी पेपर मिलने की बात सामने आ रही है। ऐसे में माना जा सकता है कि पेपर सर्कुेलेट हुआ है। इसलिए एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने को लेकर सरकार को गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए।
उधर, एसआई भर्ती रद्द करने के सवाल पर हाल ही में विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा था..
अनेक ऐसे बच्चे होंगे, जिन्होंने पढ़ाई करने के बाद अपनी मेहनत से परीक्षा पास की होगी और सब इंस्पेक्टर बने होंगे। अगर भर्ती निरस्त होती है तो उनका भी नुकसान। पटेल ने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है, इसलिए सरकार इस मामले में बहुत सोच समझकर फैसला करेगी। इसके मायने यह है कि सरकार के स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है और जल्द ऐसा निर्णय हो सकता है, जो सभी के हित में होगा।
एग्जाम रद्द करना आसान नहीं – हाईकोर्ट एडवोकेट
राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट संदीप सिखवाल का कहना है कि भर्ती रद्द करने के बाद भी कई चुनौतियां रहेंगी। क्योंकि भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद अभ्यर्थियों ने जॉइन कर लिया है और वे ट्रेनिंग कर रहे हैं। ऐसे में अगर परीक्षा रद्द होती है तो कई कानूनी अड़चनें आएंगी। भर्ती प्रक्रिया जॉइनिंग के स्टेज पर है।
सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इससे पूरी भर्ती प्रक्रिया अटक सकती है। यदि गिरफ्तार ट्रेनी एसआई को बर्खास्त कर मेरिट में वेटिंग वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया जाए, तो भी एक परेशानी है। यह विश्वास से नहीं कहा जा सकता कि आउट होने के बाद पेपर उन तक नहीं पहुंचा होगा। इस बात की पुष्टि करने की अभी कोई व्यवस्था नहीं है।
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