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शहीद को नम आंखों से विदाई दी गई।
इस्माईलाबाद में गांव मेघा माजरा में शहीद गुरसेवक सिंह के शव को करीब शाम पांच बजकर पचास मिनट पर सेना की गाड़ी में लाया गया। शव के गांव में पहुंचते ही काफी संख्या में लोग देखने के लिए उमड़ पड़े। पूरा गांव गुरसेव सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा। मौके पर
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इसके बाद पुलिस की टुकडी ने गार्ड ऑफ ऑनर के सम्मान के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। सेना में नायक के पद पर तैनात गुरसेवक सिंह नागरा सिक्किम के पाक्योंग जिले के जुलुक जाते हुए सड़क हादसे में शहीद हो गए थे। हादसे की सूचना के बाद से ही गांव में मातम पसरा रहा। उनके निवास पर सांत्वना देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। लोग सुबह से शव पहुंचने की इंतजार कर रहे थे। जबकि शव सायं करीब छह बजे पहुंचा।
प्रशासन के अधिकारियों ने शव पर पुष्पचक्र चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि नायक गुरसेव सिंह नागरा करीब एक महीने की छुटि्टयां बिताकर पिछले शनिवार को वापस डयूटी पर गए थे। पांच सितंबर को भारतीय सेना का ट्रक भारत चीन बॉर्डर के पास नॉर्थ सिक्किम में भीषण हादसे का शिकार हो गया था। ट्रक करीब 800 फीट गहरी खाई में गिर गया। इसी ट्रक में ही चार जवान सवार थे। नायक गुरसेवक नागरा को उनके सात वर्षीय पुत्र अगमवीर ने मुखाग्नि दी।
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