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शब्द : 233 – केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी शुरुआत जांच रिपोर्ट में दावा किया
कोलकाता, एजेंसी
आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई जांच के शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अनुचित लाभों के लिए आपराधिक सांठगांठ में शामिल थे। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने बीते सप्ताह एक विशेष अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान भी ये निष्कर्ष रखे थे।
सीबीआई ने इस मामले में कथित संलिप्तता के लिए घोष, दो विक्रेताओं (वेंडर) और उनके सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया था। अधिकारी ने कहा, ये दोनों विक्रेता घोष को तब से जानते थे जब वह मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पदस्थ थे। हमने पाया है कि उन्होंने आरजीकेएमसी एंड एच (आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) के ठेके केवल घोष के साथ उनकी निकटता के कारण दिए थे। घोष 2016 से 2018 तक दो साल के लिए मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तैनात थे। अधिकारी ने कहा, जब घोष को आरजी कर अस्पताल का प्रिंसिपल बनाया गया तो वे दोनों वेंडर को कोलकाता ले आए। उन्हें अस्पताल में सामग्री की आपूर्ति के लिए ठेका दिया गया।
उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच से यह भी पता चला कि घोष ने अपने सुरक्षा गार्ड की पत्नी को अस्पताल के अंदर एक कैफे का ठेका भी दिलाया था। अधिकारी ने कहा, अस्पताल का बायोमेडिकल वेस्ट बेचने के लिए वेंडरों से संपर्क करने वाले गार्ड की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
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