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कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से साहित्यकार पहुंचे।
राजस्थानी के प्रख्यात साहित्यकार डॉ नृसिंह राजपुरोहित खांडप की जन्म शताब्दी महोत्सव के मौके शहर में दो दिवसीय साहित्य सम्मेलन की शुरुआत शनिवार को होटल चंद्रा इंपिरियल में हुई। इसमें राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से नामी साहित्यकारों ने हिस्सा लिया और र
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जानकारी देते हुए नृसिंह राजपुरोहित स्मृति कोष के राजेंद्र सिंह ने बताया कि राजपुरोहित ने अपना जीवन राजस्थानी भाषा के उत्थान और विकास में लगाया। उनकी लिखी साहित्यक रचनाओं, उनके निबंध, उनके संपादन सहित उनकी विभिन्न कृतियों पर राजस्थान के विद्वान साहित्यकारों ने चर्चा की। दो दिन के इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा कई साहित्यकार अपने पत्रों का वाचन भी करेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य राजस्थानी भाषा का महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में जन-जन को बताना है।
राजस्थानी साहित्यकारों का ये सम्मेलन दो दिन तक चलेगा।
उन्होंने कहा की प्रदेशवासियों की इस मायड़ भाषा को मान्यता दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा और इस कार्यक्रम का उद्देश्य यही है कि यदि राजस्थान के गठन से पूर्व देश की आजादी से पहले इस प्रदेश में जब राजकाज राजस्थानी भाषा में हो सकता था तो अब क्यों नहीं हो सकता। यही बात सरकार को बतानी है।
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