अभिषेक शर्मा
डाला सोनभद्र – डाला स्थित भिन्न मंदिरों में आई व्रतियों ने
मंदिर प्रांगण में बैठ कर पूजा कर रही सुहागिन महिलाओं का कहना है कि इस पर्व का महत्व बहुत ज्यादा है. इस दिन गौरी-शंकर भगवान की पूजा की जाती है. 24 घंटे से भी अधिक समय तक निर्जला व्रत करना पड़ता हैं. अगले दिन सुबह विधिवत पूजा-पाठ करने के बाद व्रत खोला जाता हैं.
हरतालिका तीज व्रत
डाला अथवा अन्य स्थानों में हरतालिका तीज को लेकर सुहागिन महिलाओं में उत्साह देखने को मिल रहा है. अधिकतर मंदिर महिलाओं की भीड़ से गुलजार रहा. महिलाएं सोलह श्रृंगार से सज-धज कर मंदिरों में पूजा करने पहुंची थी.
अचलेश्वर महादेव मंदिर सेक्टर बी हनुमानमंदिर डाला बाजार पुलिस चौकी हनुमान मंदिर में भीड़ देखने को मिली इस पर्व को बड़े ही
घुम-घाम से मनाया गया हरतालिका तीज व्रत
श्रृंगार के सामान को किया जाता है दान
व्रती महिलाओं ने बताया कि इस दिन वह श्रृंगार के सभी सामान, अनाज और फल को अपने हाथों छूकर दान करती हैं.मान्यता है कि ऐसा करने से उनके जीवन में श्रृंगार कायम रहता है और उनके पति की आयु लंबी होती है जबकि कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है.
पूजा करती हुई महिलाएं
व्रत की पौराणिक मान्यता
दंतकथाओं की मानें तो भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हिमालय पुत्री पार्वती इसी दिन निर्जला उपवास रखते हुए रेत की शिवलिंग बनाकर कठोर तप किया.जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर माता पार्वती को उनकी मनोकामना पूर्ण होने का वरदान दिया.विधि विधान के साथ महिलाएं सज धज कर पूरा सोलह सिंगार कर मंदिरों में पूजा करने पहुंची थी.
यह व्रत पति के लिए है इसलिए पूरा सज धज कर अपने पति के लिए व्रत करती है।