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राजधानी में हाल ही में सत्ताधारी दल का एक बूथ लेवल का प्रोग्राम हुआ। जिसमें ‘सरकार’ ने पार्टी के महामंत्री और जिला अध्यक्ष से पंच निष्ठाएं पूछ लीं। अचानक हुए इस वाकिया के बाद दोनों ही नेता सकपका गए। हड़बड़ाहट में कुछ नहीं बोल पाए।
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जब ये खबर मीडिया की सुर्खियां बनी तो फिर पूरे एमपी में पार्टी के ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप्स में पंच निष्ठाएं शेयर की जा रही हैं। जिसके बाद नेता ये निष्ठाएं रट रहे हैं। दरअसल, सत्ताधारी दल इन दिनों सदस्यता अभियान चला रही है। जिसके तहत नए सदस्यों को पंच निष्ठाएं सिखाने को कहा जा रहा है।
MP की लीडर यूपी में एडजस्ट, महिला आयोग में सदस्य बनी
सूबे में सरकार गठन के बाद बिना पावर बैचेन बैठे नेताओं को एडजस्टमेंट की आस है। इस बीच बुंदेलखंड में दशक पहले ‘हाथी’ की सवारी कर चुनाव लड़ी एक नेता लंबी जद्दोजहद के बाद यूपी की सरकार में एडजस्ट हो गई हैं।
मैडम जब चुनावी समर में उतरी तो वोटों के आंकडे़ में तो उन्हें मात्र 12 हजार मत ही मिल पाए लेकिन, एमपी की फायर ब्रान्ड नेता के भतीजे मैडम को मिले वोटों के आधे अंतर से कांग्रेस कैंडिडेट से चुनाव हार गए।
मैडम के पति उस वक्त एमपी में ही बडे़ अफसर थे लेकिन, चुनाव के बाद उन्होंने एमपी ही छोड़ दिया। अब वुमन कमीशन में एडजस्ट होने के बाद ये तय हो गया कि मैडम यूपी की पॉलिटिक्स में ही एक्टिव रहेंगी।
10 सितंबर के बाद कई ब्लॉक अध्यक्षों पर हो सकता है एक्शन
कांग्रेस की ओर से जन समस्याओं को लेकर पूरे प्रदेश में 4 सितंबर को ब्लॉक स्तर पर धरना देने के निर्देश दिए गए थे। ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के तहत धरना आयोजित करना था लेकिन, कई ब्लॉक ऐसे हैं जहां 4 सितंबर को धरना नहीं हुआ।
इसकी शिकायत पार्टी मुख्यालय तक पहुंची है। अब ऐसे ब्लॉक अध्यक्षों पर 10 सितंबर के बाद एक्शन लिया जा सकता है, जिन्होंने पार्टी के आधिकारिक कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया।
हवाई चप्पल पहनकर घूम रहे हैं विरोधी दल के विधायक जी
पहली बार चुनाव जीते विरोधी दल के एक विधायक सफेद हवाई चप्पल पहन रहे हैं। पार्टी के कार्यक्रम हो या गली मोहल्ले में होने वाले प्रोग्राम, विधायक जी हवाई चप्पल ही पहन कर जा रहे हैं।
दरअसल, विधायक के पिता जी भी लंबे समय तक राजनीति में रहे और जीवनभर हवाई चप्पल पहनकर सादा जीवन जिया। पिता के निधन के बाद बेटा भी उनके नक्श-ए-कदम पर चलने की कोशिश कर रहा है।
एसएसपी बनने के बाद करना पड़ रहा एसपी का काम
पुलिस कमिश्नर सिस्टम में काम कर रहे एक आईपीएस अधिकारी छह महीने पहले एसएसपी कैडर में पहुंच गए हैं, लेकिन काम उन्हें एसपी स्तर के अधिकारी का ही करना पड़ रहा है।
छोटे ओहदे का काम कर रहे इस आईपीएस ने पद के मुताबिक काम के लिए कई बार पुलिस मुख्यालय जाकर मुखिया के सामने अपनी हाजिरी भी लगाई है, लेकिन बात बन नहीं रही है। अब इस अधिकारी को सरकार के मुखिया के आदेश का इंतजार है। ये आईपीएस विंध्य क्षेत्र के एक जिले में एसपी रह चुके हैं।
और अंत में..
सीएस के लिए काउंटडाउन, इसी महीने में होगी ताजपोशी
प्रदेश के नए प्रशासनिक मुखिया यानी मुख्य सचिव की ताजपोशी इसी महीने हो जाएगी। अगर किसी अधिकारी को एक्सटेंशन नहीं दिया जाना है तो नियमानुसार 15 दिन पहले नए मुख्य सचिव बनने वाले को ओएसडी की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है।
सरकार ने कुछ दावेदारों को छह महीने के अंतराल में मंत्रालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि 15 सितंबर तक इससे संबंधित नाम फाइनल हो जाएगा। इसके चलते अब दावेदारी को लेकर काउंटडाउन शुरू हो गया है।
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