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दिल्ली में नाइट्रोजन गैस से आत्महत्या करने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मृतक विशू सिंह अपने परिजनों को बिना बताए ही लक्ष्मी नगर स्थित पीजी में रहने आया था। पीजी में आने के बाद भी उसने अपने घरवालों को द्वारका स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने की बात कह रखी थी।
पुलिस के अनुसार, विशू ने पीजी में ही अपनी फोटो खींचकर उसे यूनिवर्सिटी हॉस्टल की फोटो बताकर परिजनों को भेजा था। बेटे की आत्महत्या के बाद पीजी संचालक की कॉल से पिता भवानी सिंह को पता चला कि वह झूठ बोलकर लक्ष्मी नगर में रह रहा था।
पुलिस जांच कर रही है कि किन परिस्थितियों में उसे यूनिवर्सिटी हॉस्टल से दूर लक्ष्मी नगर में पीजी में रहने की जरूरत पड़ी। अभी तक ना ही यह पता चल सका है कि किन परिस्थितियों में कानून के छात्र को आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
विशू सिंह के पिता भवानी सिंह भारतीय सेना में अफसर हैं। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि शायद ये उनकी ही कमी है कि बेटे की परेशानी के बारे में अंदाजा नहीं लगा सके। भवानी सिंह ने बताया कि विशू आखिरी बार कांवड़ यात्रा की छुट्टी के बाद अपने घर गया था। इसके बाद वहां से 19 अगस्त को वापस दिल्ली आया।
फोन की लाइव लोकेशन एनएलयू में दिखती रही
पिता ने बताया कि उनके बेटे की लाइव लोकेशन लगातार एनएलयू में दिखती रही। उन्होंने बेटे के आईफोन की लोकेशन अपने पास ले रखी थी। बेटे के पीजी वाले कमरे से पुलिस को आईफोन, आईपैड और एक कीपैड मोबाइल फोन मिला है। उनकी मांग है कि आत्महत्या के कारणों की जांच के लिए बेटे की पेमेंट हिस्ट्री के अलावा इंटरनेट सर्फिंग हिस्ट्री व सीडीआर की जांच की जानी चाहिए।
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