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सुल्तानपुर में कल सुबह हुई थी वारदात।
– फोटो : amar ujala
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सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद मामले पर जमकर राजनीति हो रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे फर्जी मुठभेड़ में की गई हत्या करार दिया था। अब मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की है।
वहीं, अखिलेश यादव ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए बयान दिया था कि दो दिन पहले जिसको उठाने के बाद एनकाउंटर के नाम पर हत्या की गई है, अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव बनाया जा रहा है। इसका सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले कि सुबूत मिटा दिए जाएं।
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उन्होंने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा कि यह प्रतीत होता है कि सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था। इसीलिए नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया। अन्य के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और एक की जाति देखकर उसकी जान ले ली गई। कहा, जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी वापस होना चाहिए। सरकार को पीड़ित कारोबारी को मुआवजा भी देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। उन्होंने भाजपा राज को अपराधियों का अमृतकाल बताते हुए कहा कि जब तक जनता का रोष चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है। जब लगता है कि जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कुछ को फंसाया जाता है।
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