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भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी ने समय रहते कैंडिडेट्स का ऐलान इसलिए किया ताकि तैयारी के लिए समय मिल सके, लेकिन दांव उलटा पड़ता दिख रहा है। हिसार से सावित्री जिंदल ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा भी कई सीटों से भाजपा के बागी चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं। ऐसे में 10 साल की ऐंटी-इनकम्बैंसी के बीच चुनाव में उतर रही भाजपा की टेंशन बढ़ गई है। सावित्री जिंदल का कहना है कि मैं हिसार के लोगों की सेवा करने को तत्पर हूं और चुनाव लड़ूंगी। यही नहीं इसे अनुशासनहीनता कहे जाने के सवाल पर सावित्री जिंदल ने कहा कि मैंने कभी भाजपा की सदस्यता नहीं ली थी।
देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने कहा कि मैं लोकसभा चुनाव में बेटे नवीन जिंदल के लिए प्रचार में उतरी थी, लेकिन भाजपा जॉइन नहीं की थी। इसलिए मैं आजाद हूं। सावित्री ने तो चुनाव लड़ने का ऐलान किया ही है। उनके अलावा हरियाणा भाजपा के किसान मोर्चा अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष करणदेव कांबोज ने इस्तीफा दे दिया है। रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा ने भी टिकटों की लिस्ट आते ही पार्टी छोड़ दी। इसके अलावा राज्य मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने आज अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है, जिसमें वह अपनी आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
इस्तीफे में लिखा- विचारधारा के साथ धोखा हो रहा है
हालात ऐसी है कि भाजपा के बागी नेता पार्टी पर विचारधारा से समझौता करने का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा से इस्तीफा देते हुए ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष करण देव कांबोज ने कहा कि पार्टी ने दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की विचारधारा के साथ धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब दगाबाजों को इनाम दे रही है, जिन्होंने पार्टी को सालों तक नुकसान पहुंचाया। कांबोज ने कहा कि आज मेरे जैसे प्रतिबद्ध लोग किनारे लगे हैं और पार्टी के विरोधी एक शाम पहले आते हैं और टिकट पा जाते हैं।
विनोद शर्मा की पत्नी भी बन गई हैं उम्मीदवार
वहीं रणजीत सिंह तो पहले भी कहते रहे हैं कि मैं चुनाव जरूर लड़ूंगा। चाहे भाजपा के साथ रहूं या फिर उसके बिना ही मैदान में उतरूं। अब माना जा रहा है कि वह बागी होकर चुनाव में जा सकते हैं। दरअसल बगावत की बड़ी वजह करीब 10 बाहरी नेताओं को टिकट मिलना है। इन नेताओं में शक्ति रानी शर्मा भी शामिल हैं, जो पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी हैं। वह हाल ही में भाजपा में आई थीं और आते ही उन्हें टिकट मिल गया है। इसके अलावा जननायक जनता पार्टी के बागियों को भी भाजपा ने टिकट दिया है। रोहतक की बात करें तो वहां शमशेर खरखरा अब अब मेहम सीट से उतरने की तैयारी में हैं। वह पहलवान दीपक हुड्डा को टिकट मिलने से खफा हैं।
जेजेपी से आए नेताओं के चलते भी बढ़ गया गुस्सा
इसी तरह उकलाना सीट पर जेजेपी से आए अनूप धानक को टिकट मिला है और इससे खफा दलित नेता सीमा गबिपुर ने पार्टी छोड़ दी है। पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य भी नाराज हैं क्योंकि सफीदोन से राम कुमार गौतम को टिकट मिला है, जो जेजेपी से आए हैं। अब वह निर्दलीय उतरने की तैयारी में हैं। इसी तरह थानेसर से जय भगवान शर्मा निर्दलीय उतरने की तैयारी में हैं। इसी तरह पृथला सीट पर भाजपा ने टेक चंद शर्मा को उतारा है। वहीं अब तक भाजपा का साथ देते रहे निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत फिर से उतरने वाले हैं।
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