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यह फोटो 4 जुलाई 2023 का है। जब सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था।
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल आरोपी मोहम्मद जावेद को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने आरोपी को जमानत दी हैं। जावेद पर मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी के साथ मिलकर योजना बनाने का आरोप है।
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एनआईए कोर्ट से 31 अगस्त 2023 को जमानत खारिज़ होने के बाद आरोपी ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए अपील की थी। जिस पर सुनवाई के बाद आज अदालत ने आरोपी को जमानत दे दी।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एनआईए ने केवल कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया। लेकिन एनआईए आरोपी की लोकेशन साबित नहीं कर पाई हैं। वहीं आरोपी से किसी तरह की रिकवरी भी नहीं हुई है। लंबे समय से आरोपी जेल में है, ट्रायल लंबा चलेगा। ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाता हैं।
गौरतलब है कि 28 जून 2022 को कन्हैयालाल की मोहम्मद रियाज़ अटारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी थी।
जावेद कन्हैयालाल की दुकान पर नहीं गया
जमानत पर बहस करते हुए जावेद के अधिवक्ता सयैद सआदत अली ने कहा कि एनआईए कह रही है कि जावेद ने इंडियाना टी स्टॉल पर बैठकर कन्हैयालाल की हत्या की योजना बनाई थी।
लेकिन टी स्टॉल मालिक धर्मेन्द्र साहू ने जावेद के उस दिन टी स्टॉल पर आने को कंफर्म नहीं किया। एनआईए का यह भी कहना है कि जावेद ने कन्हैयालाल की रैकी करके रियाज को बताया था। लेकिन जावेद कन्हैयालाल की दुकान पर गया ही नहीं। दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से यह बात साबित होती है।
वहीं रियाज का कॉल जावेद के पास आया था, जावेद ने कभी रियाज को कॉल नहीं किया। उसके मोबाइल में रियाज का नम्बर भी सेव नहीं था। वह चूड़े की दुकान पर सैल्समेन का काम करता था। दिनभर उसे ग्राहकों के फोन आते थे।
एनआईए ने कहा-आऱोपियों ने मिलकर साज़िश की
एनआईए की ओर से अधिवक्ता टीपी शर्मा ने अदालत में बहस करते हुए कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल सभी आऱोपी एक-दूसरे को जानते हैं। इन सभी ने मिलकर कन्हैयालाल हत्याकांड की साजिश की थी।
आऱोपियों की कॉल डिटेल से साबित होता है कि सभी एक-दूसरे से फोन के जरिए संपर्क पर थे। हमारे गवाह जीशान ने भी कंफर्म किया है कि घटना से पहले रियाज औऱ जावेद टी स्टॉल पर मिले थे। इसके साथ ही आरोपी ने भी अपने स्टेटमेंट में इस बात को स्वीकार किया हैं।
इस पर कोर्ट ने एनआईए द्वारा लिए गए स्टेटमेंट को लेकर भी नाराज़गी जताई। कोर्ट ने कहा कि एनआईए ने सारे स्टेटमेंट अंग्रेजी में लिखे हैं। आरोपी ने जिस भाषा में स्टेटमेंट दिए, उस भाषा में उसे क्यों नहीं लिखा गया।
फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला , जिसे एनआईए कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है।
पहले एनआईए कोर्ट से एक आरोपी को मिल चुकी है जमानत
मोहम्मद जावेद से पहले इस मामले में एक अन्य आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को एनआईए कोर्ट 1 सितम्बर 2023 को जमानत दे चुकी है। फरहाद पर एनआईए ने ऑर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया था।
जमानत देते समय कोर्ट ने कहा था कि आरोपी पर केवल आर्म्स एक्ट का आरोप है। उसके पास से तलवार बरामद हुई है या नहीं। तलवार भोंटी थी या धारदार। इसका फैसला जमानत के स्तर पर नहीं किया जा सकता है। आरोपी जुलाई 2022 से जेल में है। ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाता है।
एनआईए ने 22 दिसम्बर 2022 को पेश किया था चालान
कन्हैयालाल की हत्या के मामले में एनआईए ने पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद व मोहम्मद रियाज अत्तारी सहित 11 आरोपियों मोहसीन,आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद के खिलाफ चालान पेश किया था। एनआईए की विशेष अदालत ने 9 फरवरी 2023 को हत्या,आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र सहित यूएपी एक्ट और आर्म्स एक्ट में प्रसंज्ञान लिया था।
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