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India- Bangladesh Relations: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में शातिराना रवैया अपनाया है. उन्होंने बांग्लादेश और भारत की सीमा पर आम लोगों की हत्या रोकने की भारत से अपील की है. उन्होंने नई दिल्ली पर बांग्लादेश के लोगों की मांगों को महत्व न देने और बांग्लादेश में रह रहे 10 लाख से अधिक रोहिंग्या को वापस भेजने में मदद न करने का आरोप लगाया है. एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में तौहीद हुसैन ने कहा कि सीमा पर एक भी शख्स की जान जाती है तो पूरा बांग्लादेश इसका दर्द महशूश करता है. इसके साथ ही उनका पाकिस्तान प्रेम भी उभर कर सामने आया.
सार्क मुद्दे पर बात करते हुए तौहीद हुसैन ने कहा कि ‘हम चाहते हैं कि सार्क प्रक्रिया को फिर से पुनर्जीवित करने की जरूरत है, इस मसले में भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी को अलग रखा जा सकता है.’ दरअसल, शेख हसीना के कार्यकाल में भारत और बांग्लादेश सार्क में एक साथ थे ऐसे में यहां पाकिस्तान कुछ नहीं कर पा रहा था. बांग्लादेश के विदेश सलाहकार ने कहा कि ‘नई दिल्ली यह जानती है कि बांग्लादेश के लोग क्या चाहते हैं, लेकिन उन्होंने आम लोगों की बजाय एक व्यक्ति (शेख हसीना) और एक पार्टी (आवामी लीग) को सिर्फ महत्व दिया.’
बार्डर पर किशोरी की हुई हत्या- विदेश सलाहकार
बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कुलौरा सीमा पर भारतीय सुरक्षा बल की गोलीबारी में एक बांग्लादेशी किशोरी की मौत हुई थी. बाग्लादेशी अखबार ने मृतका का नाम स्वर्णा दास (14) बताया है, यह घटना रविवार रात को तब हुई जब किशोरी अपनी मां के साथ अवैध तरीके से बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रही थी. सोमवार शाम को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश की टीम जब किशोरी के घर पहुंची तो स्थानीय लोगों को इस बारे में जानकारी हुई. एबीपी न्यूज को दिए इंटव्यू में विदेश सलाहकार ने इसी मसले को उठाया.
भारत के प्रति जनता में असंतोष- बांग्लादेश
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा था कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के लोगों के साथ मजबूत संबंध देखना चाहती है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती शेख हसीना की सरकार में इसका अभाव था. हुसैन ने संवाददाताओं से कहा कि ‘भारत के प्रति बांग्लादेश की जनता का असंतोष कम करना संभव है, इसके लिए दोनों देशों को बेहतर कदम उठाने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि ‘हम लोगों के बीच मजबूत संबंध देखना चाहते हैं, जिससे लोगों को यह महसूस हो कि भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन इस पहलू का हमेशा से अभाव रहा है.’
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