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नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार के चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में पिछले पांच सालों में हुई चार हजार बच्चों की मौत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि आंकड़ों ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलकर रख दी है। ये आंकड़े तो सिर्फ एक अस्पताल के हैं, बाकी अस्पतालों के आंकड़े अभी आए नहीं है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि यदि सभी अस्पतालों के आंकड़े सामने आए तो यह संख्या कई हजारों में पहुंच सकती है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अपने मोहल्ला क्लीनिकों को वर्ल्ड क्लास बताने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास इन निर्दोष बच्चों की मौत का कोई जवाब नहीं है।
दरअसल, एक आरटीआई के जवाब में चाचा नेहरू अस्पताल की ओर से दी गई जानकारी में पता चला था कि पिछले पांच साल में अस्पताल में 4000 से अधिक बच्चों की मौत हुई है। आरटीआई में बताया गया है कि इन बच्चों की मौत की मुख्य वजह सेप्सिस, निमोनिया और सेप्टिक शॉक समेत दूसरी बीमारियां हैं।
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