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स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पाई है। दिल्ली में चार दिनों से चल रही स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक अब दो दिन और बढ़ा दी गई है। इसमें सिंगल नाम वाले उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर पार्टी की केंद्रीय चुनाव सम
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जानकारी के अनुसार, पार्टी ने 14 सीटों पर सिंगल नाम का पैनल बनाया है। इनमें से 13 पुराने चेहरे हैं, जिनमें 9 मौजूदा विधायक हैं। जिन्होंने 2019 का चुनाव भी लड़ा था।
बता दें कि कांग्रेस ने जुलाई में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। महीने भर चली प्रक्रिया में पार्टी को 90 सीटों के लिए 2556 आवेदन मिले। कई सीटों पर 40 से ज्यादा दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया है।
शनिवार को अजय माकन की अध्यक्षता में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत अन्य सदस्यों की मौजूदगी में तीन दर्जन सीटों की समीक्षा की गई।
ये 14 नाम लगभग फाइनल
सांपला किलोई वह सीट है जहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ेंगे। इस सीट से किसी और ने आवेदन नहीं किया है। रोहतक से बीबी बत्रा, झज्जर से गीता भुक्कल, बेरी से रघुबीर कादियान, रेवाड़ी से चिरंजीव राव, नूंह से आफताब अहमद, पुन्हाना से मोहम्मद उसे इलियास, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह सुरजे और बरोदा से इंदुराज भालू के नाम सिंगल पैनल है। पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई का पंचकूला से टिकट भी लगभग फाइनल है।
सैलजा ने उम्मीदवारों की सूची हाईकमान को सौंपी
कांग्रेस महासचिव व सांसद कुमारी सैलजा ने सभी 90 सीटों के लिए अपनी पसंद के प्रत्याशियों का पैनल पार्टी को भेज दिया है। इसमें कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन व पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव की पसंद के प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं।
करीब 10 साल तक भाजपा से राजनीति करने के बाद कांग्रेस में वापस लौटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने इसमें अपनी पसंद के प्रत्याशियों के नाम शामिल नहीं किए हैं। वह कांग्रेस के दिग्गजों की एकजुटता के पक्षधर हैं। सूत्रों के अनुसार रणदीप व कैप्टन की सहमति के बाद कुमारी सैलजा ने सूची कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन व पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भेज दी है।
कांग्रेस के टिकट बंटवारे के 5 फॉर्मूले…
1. सांसदों को टिकट नहीं
कांग्रेस के प्रदेश इंचार्ज दीपक बाबरिया ने कहा कि इस चुनाव में सांसदों को टिकट नहीं दी जाएगी। इसकी वजह से CM कुर्सी पर दावा ठोक रही सिरसा सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को झटका लगा। बाबरिया ने ये भी कहा कि ये स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश है। अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।
2. चुनाव हारे, दागी नेताओं को टिकट नहीं
चुनाव हारे नेताओं को टिकट नहीं दी जाएगी। इसमें वे नेता शामिल हैं, जो 2 या उससे ज्यादा बार से चुनाव हार चुके हैं। उनकी दावेदारी को स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में खारिज किया जाएगा। इसके अलावा जो चेहरे दागी हैं, जिन पर गंभीर मुकदमें दर्ज हैं या कोई गंभीर आरोप लगे हैं, उन्हें भी टिकट नहीं दी जाएगी। वहीं जमानत जब्त कराने वाले नेताओं पर भी कांग्रेस दांव नहीं लगाएगी।
3. पार्टी छोड़कर फिर शामिल हुए नाम खारिज होंगे
जो लोग पहले कांग्रेस छोड़कर चले गए और अब चुनाव से पहले वापस लौट आए, उनकी दावेदारी पर विचार नहीं होगा। कांग्रेस में कई नेता ऐसे भी हैं जो 10 से लेकर 30 साल तक पार्टी में रहे लेकिन बीच में छोड़कर चले गए और एक साल के भीतर लौटे हैं, उनकी दावेदारी को झटका लग सकता है। इससे कांग्रेस में एक साल के भीतर आए करीब 20 से ज्यादा पूर्व विधायकों को झटका लग सकता है।
4. बिना चुनाव लड़े भी CM फेस हो सकता है
इंचार्ज दीपक बाबरिया ने सबको चौंकाते हुए एक और बयान दिया कि जरूरी नहीं कि कांग्रेस सरकार बनने की सूरत में चुनाव लड़ने वाला ही सीएम फेस हो। वह नेता भी सीएम चेहरा हो सकता है, जिसने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि इस बयान को कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला की नाराजगी को शांत करने से जोड़कर देखा जा रहा है।
5. विधायकों के टिकट कटने जरूरी नहीं
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया कह चुके हैं कि यह जरूरी नहीं है कि मौजूदा विधायकों के टिकट काटे ही जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि किसी के विरुद्ध ग्राउंड पर एंटी इनकम्बेंसी है और आपराधिक रिकॉर्ड बना है तो उसे टिकटों में नजरअंदाज किया जाएगा अन्यथा पार्टी की कोशिश रहेगी कि हर जीतने वाले विधायक को पार्टी विधानसभा के चुनावी रण में उतारे।
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