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दिल्ली दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में चलने वाले राव आईएएस कोचिंग सेंटर (Rau’s IAS Study Circle) हादसे के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को चार दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। अदालत में शनिवार को रिमांड आवेदन पर सीबीआई ने कहा कि आरोपी बेसमेंट मालिक ने जानबूझकर उसे व्यावसायिक कार्यों के लिए इस्तेमाल किया। बता दें कि, बेसमेंट में पानी भरने से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे 3 छात्रों की डूबकर मौत हो गई थी।
आरोपियों को सीबीआई की हिरासत में भेजा : सीबीआई ने कोचिंग संस्थान के मालिक अभिषेक गुप्ता और अन्य आरोपियों देशपाल सिंह, हरविंदर सिंह, परविंदर सिंह, सरबजीत सिंह और तजिंदर सिंह से हिरासत में पूछताछ के लिए विशेष अदालत से अनुमति मांगी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने शनिवार को सभी छह को 4 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। अदालत को सौंपे गए अपने आवेदन में, सीबीआई ने कहा है कि जांच में सामने आया कि 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष मुद्दा उठाए जाने के बाद संस्थान के पास लगभग एक साल तक फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं था। एमसीडी ने राव आईएएस स्टडी सर्किल के मालिक को भी मास्टरप्लान-2021 का पालन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
8 अगस्त 2023 को जवाब में उन्होंने एमसीडी को आश्वासन दिया कि उन्होंने फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया। 9 जुलाई, 2024 को संस्थान को प्रमाणपत्र जारी किया गया।
चार लाख रुपये प्रतिमाह किराया था
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कोचिंग संस्थान के मालिक अभिषेक गुप्ता ने 5 जनवरी, 2022 को इमारत के सह-मालिकों के साथ एक पट्टा समझौता किया, जिसमें इमारत को चार लाख रुपये प्रति माह किराये पर नौ साल के लिए पट्टे पर लिया गया। सीबीआई का आरोप है कि बेसमेंट के स्वीकृत उपयोग के उल्लंघन में, पट्टादाता और पट्टेदार जानबूझकर कोचिंग संस्थान चलाने के व्यावसायिक उद्देश्य के लिए बेसमेंट का उपयोग करने के लिए सहमत हुए।
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