[ad_1]
श्वेता पारस
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
कड़ी मेहनत के साथ जुनून भी सफलता के लिए बहुत जरूरी है। शहर की एक किशोरी ने ऐसा ही कर दिखाया है। सालभर पहले उसने पहलवानी करने की ठानी। पहले परिवार के लोग नहीं माने लेकिन बाद में बेटी का जुनून देख झुक गए। बेटी ने भी उन्हें निराश नहीं किया और 10 माह में जिले से राज्य स्तर तक 10 मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। अब वह नेशनल के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण में चयन पाकर तैयारी में जुटी हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी चोटी भी कटवा दी है।
नगला अजीता जगदीशपुरा निवासी श्वेता पारस (14) पुत्री नरेश पारस दसवीं की छात्रा हैं। पिता ने बताया कि जब बेटी 9वीं में थी तब स्कूल में एक खेल प्रशिक्षक आया। उसने बच्चों से खेलने के लिए पूछा। बेटी ने कुश्ती सीखने का प्रस्ताव रखा। प्रशिक्षक ने मना कर दिया। स्कूल से घर आकर बेटी ने अपनी मां गुड़िया पारस से कुश्ती सीखने के बारे में कहा। उन्होंने डांट लगा दी। इसके बाद भी उसने हार नहीं मनी।
[ad_2]
Source link