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मुंबई. महिला की सुरक्षाओं के लेकर पूरे भारत में चर्चा हो रही है. पश्चिम बंगाल और केरल में हुई दो बड़ी घटनाओं ने फिर महिला सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े किए हैं. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मलयाली फिल्म इंडस्ट्री को लेकर आई रिटायर जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट ने लोगों की आंखें खोल दी. रितुपर्णा सेनगुप्ता, परमब्रत चट्टोपाध्याय और देव अधिकारी समेत कई बंगाली कलाकारों पश्चिम बंगाल मोशन पिक्चर आर्टिस्ट फोरम के सदस्यों ने सड़कों पर उतकर विरोध प्रदर्शन किया.
इतना ही नहीं, बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री की वुमेन्स फोरम फोर स्क्रीन वर्कर्स ने वर्कप्लेस में महिलाओं की सिक्योरिटी और सम्मान को स्ट्रॉन्ग करने के लिए एक चार्टर जारी किया है. इस पर रितुपर्णा, अपर्णा सेन, स्वस्तिका मुखर्जी और पाओली डैम समेत 50 कलाकारों और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने साइन किया. न्यूज 18 शोशा से बात करते हुए रितुपर्णा ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दुख जताया. साथ ही अपने साथ हुई एक घटना का भी खुलासा किया.
रितुपर्णा सेन ने कहा,”कोलकाता बलात्कार-हत्या की घटना आंख खोलने वाली है. हम सभी बहुत दुखी, उदास और क्रोधित हैं. मैं अभी बहुत उलझन में हूं. सब कुछ इतना उलट-पुलट हो गया है. हम कब तक इस आतंक के साए में रहेंगे? पढ़े-लिखे आदमी अपनी स्ट्रेंग्थ और पद का इस्तेमाल हथियार के तौर पर कर रहे हैं और यौन शोषण कर रहे हैं.”
रितुपर्णा सेन ने कहा, “हम अपना ज़्यादातर समय अपने वर्कप्लेस पर बिताते हैं. अगर हम वहां सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे, तो हम काम कैसे कर पाएंगे? कई महिलाएं अपनी आवाज नहीं उठा पातीं, क्योंकि उन्हें काम खोने का डर होता है. इसलिए मैं कह रही हूं कि यह सब बंद होना चाहिए. पुरुषों के पास बहुत जगहें हैं, जहां वे सहमति से संबंध बना सकते हैं.”
रितुपर्णा सेन ने साल 1989 में बंगाली टीवी शो से करियर शुरू किया. उनका भी शुरुआती सालों में कुछ बड़े लोगों ने यौन शोषण किया था. रितुपर्णा ने कहा कि उन्होंने बहुत हिम्मत से उन लोगों का सामना किया. आउटसाइडर होने के बाद उनसे भिड़ीं. अपने अधिकार और सम्मान के लिए अड़ी. पॉपुलैरिटी और स्टारडम के लिए समझौता नहीं किया.
Tags: Bollywood actress, Crime against women
FIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 12:31 IST
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