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श्रीनगर, एजेंसी। लोकतंत्र को विचारों की लड़ाई बताते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को सरकार से जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया ताकि वह चुनाव लड़ सके। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी को अफसोसजनक बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जमात-ए-इस्लामी कभी चुनावों को हराम (निषिद्ध) मानती थी, लेकिन अब हलाल (मान्य) मानती है। उमर अब्दुल्ला ने अनंतनाग जिले के पहलगाम में संवाददाताओं से कहा था, हमें बताया गया था कि चुनाव हराम (निषिद्ध) है, लेकिन अब चुनाव हलाल (मान्य) हो गए हैं। देर आए दुरुस्त आए। पीडीपी अध्यक्ष मुफ्ती ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, अगर जमात-ए-इस्लामी चुनाव लड़ना चाहती है, तो यह अच्छी बात है। लोकतंत्र विचारों की लड़ाई है। सरकार को जमात पर से प्रतिबंध हटाना चाहिए। सरकार द्वारा जब्त की गई इसकी सभी संपत्तियों को वापस किया जाना चाहिए। जमात-ए-इस्लामी के बारे में अब्दुल्ला की टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यह एक खेदजनक बयान है। नेकां का यह रवैया रहा है कि जब वह सत्ता में आती है तो चुनाव हलाल हो जाते हैं और जब वह सत्ता खो देती है तो चुनाव हराम हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि नेकां जम्मू-कश्मीर को अपनी जागीर समझती है और उन्होंने पार्टी पर हराम-हलाल बहस शुरू करने का आरोप लगाया।
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