[ad_1]
नि:शुल्क दिव्यांग तथा निर्धन सामूहिक विवाह के पोस्टर का विमोचन करते हुए।
नारायण सेवा संस्थान की और से बड़ी लियों का गुड़ा स्थित सेवामहातीर्थ परिसर में 31 अगस्त व 1 सितंबर को 42वां नि:शुल्क दिव्यांग तथा निर्धन सामूहिक विवाह होगा। इसमें देशभर से दिव्यांग एवं गरीब परिवारों के 51 जोड़े विवाह सूत्र में बंध गृहस्थ जीवन में प्रव
.
नारायण सेवा संस्थान के मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा हितैषी ने बताया कि समारोह की भव्य और व्यापक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। समारोह में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा सहित देश के विभिन्न राज्यों के जोड़े एक-दूसरे के जीवन साथी बनेंगे। इनमें कई दूल्हा-दुल्हन जन्मजात या फिर किसी दुर्घटना की वजह से निःशक्तता का दंश झेल रहे हैं तो कुछ भावी जोड़े ऐसे भी है जिनमें एक दिव्यांग है तो साथी सकलांग है। शहनाई के स्वर और मेहंदी की लालिमा उनके जीवन के सुनेपन को सदा के लिए दूर कर नए रंगों से सराबोर कर देगी। उन्होंने बताया कि इन जोड़ों में 26 दिव्यांग एवं 25 निर्धन परिवारों के जोड़े हैं।
विवाह स्थल पर 51 वेदियां तैयार की गई है, प्रत्येक वेदी पर अग्निकुंड के सात वचनों व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सात फेरे दिलवाने के लिए आचार्य मौजूद रहेंगे। विवाह की सभी रस्में पूर्ण विधि- विधान से हो इसके लिए एक मुख्य आचार्य भी मार्गदर्शन के लिए नियुक्त किया गया है।
सामूहिक विवाह के संयोजक रोहित तिवारी ने कहा विवाह समारोह की शुरुआत 31 अगस्त को प्रातः गणपति स्थापना, हल्दी व मेहंदी रस्म अदायगी के साथ होगी। शाम को महिला संगीत का आयोजन होगा। जिसमें देशभर से मेहमान और धर्म माता-पिता व कन्यादानी जन बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
संस्थान के जनसंपर्क प्रमुख एवं प्रवक्ता भगवान प्रसाद गौड़ ने बताया कि 1 सितंबर को प्रस्तावित इस बार विवाह समारोह की थीम प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी के आव्हान ‘एक पेड़ मां के नाम’ है। जिसमें विवाहपरांत प्रतीकात्मक रूप से पौधा रोपण के बाद हर जोड़े को विभिन्न प्रजातियों का एक-एक पौधा प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपने विवाह की स्मृति में उसे अपने घर-आंगन में रोप सकें और विवाह की मधुर स्मृतियों को सदा संजोकर हरे-भरे पेड़ की ही भांति अपना दांपत्य जीवन भी ख़ुशहाल बनाएं।
उन्होंने बताया कि विवाह की वेदी पर अग्नि के सात फेरे लेने की रस्म से पूर्व दूल्हे परंपरागत तोरण रस्म का निर्वाह करेंगे इसके पश्चात सजे-धजे मंच पर गुलाब की पुष्पवर्षा के बीच जोड़ों के वरमाल की रस्म अदायगी होगी। इस दौरान संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाश ‘मानव’ सहसंस्थापिका कमला देवी, अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल व आमंत्रित अतिथि दीप प्रचलन के साथ नव दंपतियों को आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
[ad_2]
Source link