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पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की स्पेशल ब्रांच द्वारा जासूसी के आरोप पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हाईकोर्ट के सीटिंग जज से न्यायिक जांच कराने की मांग की है। बाबूलाल ने आरोप लगाया है कि स्पेशल ब्रांच के द्वारा न सिर्फ जासूसी करायी जा रही थी, बल्कि हनी ट्रैप की कोशिश के लिए युवती को भी लगाया गया था। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने राज्य सरकार पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए।
जजों की भी कराई जा रही जासूसी: भाजपा
बाबूलाल ने आरोप लगाया कि जजों की भी जासूसी राज्य सरकार करा रही है। उन्होंने कहा कि चंपाई जासूसी प्रकरण में स्पेशल ब्रांच के आईजी प्रभात कुमार का नाम सामने आया है। प्रभात को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए, अन्यथा यह माना जाएगा कि पूरे मामले को सीएम, सीएस व डीजीपी का संरक्षण है।
चंपाई को अपमानित करने का मौका नहीं छोड़ रहे हेमंत : शिवराज
केंद्रीय मंत्री व झारखंड में भाजपा के विस चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने जासूसी के आरोप पर कहा है कि हेमंत चंपाई को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। अपनी ही पार्टी के इतने बड़े नेता को साजिश के तहत सीएम पद से हटाना और सत्ता के लालच में झटपट सीएम की कुर्सी पर बैठ जाना, ये आदिवासी समुदाय के एक नेता का घोर अपमान है। आदिवासी समाज के साथ दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार है। अब वह अपने मंत्री और नेता की जासूसी करा रहे हैं। शिवराज ने कहा कि झामुमो के विधायक-मंत्री भी सावधान रहें। अपने अगल-बगल ध्यान रखें, क्या पता सरकार ही उनकी जासूसी कर रही हो। सोरेन परिवार के अलावा हेमंत सोरेन को अपने नेताओं, विधायकों और मंत्रियों पर भी भरोसा नहीं है।
चंपाई के साथ नहीं दिखा कोई बड़ा चेहरा, हिसाब-किताब लगाने में जुटी भाजपा
भाजपा ने चंपाई की जासूसी का प्रपंच रचा, माफी मांगे: झामुमो
झामुमो ने भाजपा द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की जासूसी के आरोपों पर पलटवार किया है। झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि ठगी, झूठ और उपद्रव जैसे चाल, चरित्र और चेहरा रखने वाली भाजपा एक्सपोज हो गई है। भाजपा के नेताओं को देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी बयान से यह साफ हो गया है कि दिल्ली में झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के दो एसआई इसी कार्य के निर्हवन के दौरान गलतफहमी के कारण निरुद्ध हुए थे, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। पुलिसकर्मियों का पदस्थापन सुरक्षा के लिए किया गया था। वह किसी व्यक्ति विशेष की जासूसी नहीं कर रहे थे।
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