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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के कथित शराब घोटाले में आरोपी के कविता को जमानत दे दी। सर्वोच्च अदालत ने ‘जांच की निष्पक्षता’ पर सवाल उठाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को फटकार भी लगाई। मार्च के मध्य से ही जेल में बंद के कविता को कुछ शर्तों के साथ जेल से ‘आजाद’ करते हुए कोर्ट ने एक गवाह को लेकर अहम टिप्पणियां कीं और कहा कि अभियोजन निष्पक्ष होना चाहिए।
कोर्ट ने कहा, ‘यह स्थिति दुखद है।’ एक गवाह के बयान के संदर्भ में अदालत ने कहा, ‘क्या आप किसी को भी पिक एंड चूज (सोच विचार करके चुनना) करेंगे।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति ने खुद को दोषी ठहराया, उसे गवाह बना दिया गया। बेंच ने कहा, ‘अभियोजन निष्पक्ष होना चाहिए। आप इस तरह नहीं किसी को पिक एंड चूज कर सकते हैं। क्या निष्पक्षता है? जिस व्यक्ति ने खुद को दोषी बताया, उसे गवाह बनाया गया।’ अदालत ने आगे कहा, ‘कल को आप किसी को भी आरोपी बना देंगे और किसी को भी छोड़ देंगे। बहुत ही निष्पक्ष और तर्कसंगत विवेक।’
सीबीआई और ईडी की ओर से पेश हुए अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जब कुछ गवाहों का हवाला दिया जिन्होंने के कविता को कथित घोटाले में संलिप्त बताया है, अदालत ने कहा कि वह जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर टिप्पणी के लिए विवश होगी।’ कोर्ट ने कहा, ‘यदि आप टिप्पणियां चाहते हैं, और ज्यादा बहस करिए।’ इससे पहले कविता के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्हें जमानत मिल जानी चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दायर की जा चुकी है।
एजेंसियों के वकील ने दावा किया कि के कविता ने अपने फोन को नष्ट कर दिया जोकि सबूतों से छेड़छाड़ के बराबर है। रोहतगी ने आरोपों को फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि राजनेता ने अपना पुराना फोन स्टाफ को दे दिया था और खुद नया लिया था। के कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और 27 अगस्त को जमानत पर बाहर आईं।
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