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राजस्थान क्राइम फाइल्स के पार्ट-1 में आपने पढ़ा कि बूंदी पुलिस लाइन में पोस्टेड कॉन्स्टेबल अभिषेक शर्मा अपने घर से अचानक गायब हो गया था।
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पड़ताल में पता चला कि वो घर से पुलिस लाइन जाने के बजाय बूंदी से करीब 140 किलोमीटर दूर अपने ससुराल के समीप सवाई माधोपुर के बौंली गांव के एक वीरान किले में गया था।
इन्वेस्टिगेशन में उसकी साली और पत्नी की कॉल डिटेल्स में कुछ ऐसा सामने आया कि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अभिषेक की साली श्यामा और वहीं के रहने वाले एक अन्य युवक नावेद को पकड़ लिया था। पुलिस पूछताछ में श्यामा और नावेद ने अभिषेक की हत्या भी कबूल ली थी।
अभी भी पुलिस को इन सवालों के जवाब जानने थे ….
- श्यामा और नावेद ने मिलकर अभिषेक को क्यों मारा था ?
- नावेद कौन था और उसकी अभिषेक से क्या दुश्मनी थी ?
- अभिषेक उस रात विजयगढ़ किले में क्यों गया था ?
- अभिषेक के मर्डर की पूरी कहानी क्या थी ?
पढ़िए पूरी रिपोर्ट …..
श्यामा ने गांव में रहने वाले नावेद के साथ मिलकर अपने जीजा अभिषेक की हत्या की थी।
पुलिस ने अभिषेक की पत्नी दिव्या की कॉल डिटेल्स मंगवाई थी। यही डिटेल्स आने के बाद पुलिस को पहला सुराग मिला। दरअसल दिव्या और अभिषेक के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हो रही थी।
इसके उलट श्यामा के साथ अभिषेक की फोन पर रात और दिन में कई बार लंबी-लंबी बातें हो रही थी। 28 अगस्त को भी शाम में श्यामा की अभिषेक से काफी देर बात हुई थी।
इसके तुरंत बाद ही वो घर से पुलिस लाइन जाने का झूठ कहकर बाइक से किले में आ गया था। इससे एक बात तो साफ़ हो गई थी कि श्यामा और अभिषेक के बीच कुछ सीरियस चल रहा था।
किसी और से भी बात कर रही थी श्यामा
इस बीच श्यामा के कॉल रिकॉर्ड में पुलिस को एक और हैरान करने वाली जानकारी मिली। श्यामा अपने मोबाइल से अभिषेक ही नहीं एक और शख्स के साथ भी काफी बातें कर रही थी।
28 अगस्त को अभिषेक से बात करने के बाद श्यामा ने इसी शख्स से मोबाइल पर काफी लंबी बात की थी। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में अब इस नंबर के मालिक का पता लगना जरुरी था।
पुलिस ने 28 अगस्त की रात में इस नंबर की मोबाइल लोकेशन का पता लगाया तो सभी हैरान रह गए। दरअसल उस रात बौंली के उस वीरान किले विजयगढ़ में अभिषेक के अलावा जो दो नंबर एक्टिव थे उनमें से एक नंबर श्यामा का तो दूसरा इसी शख्स का था। पड़ताल में पता चला कि ये नंबर श्यामा के ही गांव के रहने वाले लड़के नावेद का है।
पुलिस से बचने के लिए श्यामा ने खुद को नाबालिग साबित करने की भी कोशिश की। कोर्ट के आदेश पर जांच की गई, जिसमें वो बालिग निकली।
दोनों ने कबूल लिया मर्डर
अब पुलिस के पास श्यामा और नावेद से पूछताछ के लिए काफी ठोस जानकारी थी। तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस श्यामा और नावेद को थाने ले आई। पहले दोनों से अलग-अलग पूछताछ में उन्होंने अभिषेक के बारे में कोई भी जानकारी होने से मना कर दिया।
जब पुलिस ने दोनों को आमने-सामने बैठाया और दोनों की कॉल डिटेल्स और लोकेशन बताते हुए सख्ती से पूछताछ की तो श्यामा और नावेद के तेवर ढीले पड़ गए। दोनों ने बताया कि उन्होंने मिलकर अभिषेक का 28 अगस्त की आधी रात में ही मर्डर कर दिया था।
पढ़िए जो पुलिस ने खुलासा किया ….
पुलिस पूछताछ में श्यामा ने बताया कि वो स्कूल में काफी इंटेलिजेंट थी। 12वीं में 75 प्रतिशत मार्क्स लेकर आई थी। पिता का साया सिर पर नहीं था। बड़ा भाई भी नहीं था। मां आंगनबाड़ी में काम करती थी।
साल भर पहले वो अपनी फुफेरी बहन दिव्या के ससुराल गई थी। वहीं उसकी अपने जीजा अभिषेक के साथ नजदीकियां हो गई। दिव्या और उसके ससुराल वालों को अभिषेक और श्यामा की नजदीकियों का पता चला गया था।
इसके चलते 20 दिनों बाद श्यामा वहां से वापस अपने गांव बौंली में घर पर लौट गई थी। हालांकि इसके बाद भी श्यामा और अभिषेक एक दूसरे से मिलते रहे।
श्यामा की वजह से अभिषेक अपनी पत्नी से तलाक भी लेने के लिए तैयार था।
नावेद से भी थी श्यामा की नजदीकी
श्यामा के अपने गांव में रहने वाले नावेद रंगरेज नाम के युवक से भी नजदीकी थी। वो उसके साथ शादी करना चाहती थी। वहीं अभिषेक श्यामा से 10 साल बड़ा था। वो उसे लेकर सीरियस नहीं थी। श्यामा के कारण अभिषेक और दिव्या के तलाक की नौबत हो गई थी।
अभिषेक श्यामा पर लगातार दबाव बना रहा था। धमकियों और हाथ उठाने तक मामला पहुंच चुका था। ऐसे में श्यामा अभिषेक से पीछा छुड़ाना चाहती थी। उसने अपनी आपबीती नावेद को बता दी। इसके बाद दोनों ने मिलकर अभिषेक के मर्डर का शातिर प्लान बना लिया।
श्यामा ने ही फोन करके बुलाया था
प्लान के मुताबिक़ ही 28 अगस्त 2019 को श्यामा ने अपने जीजा कॉन्स्टेबल अभिषेक को कॉल लगाया और मिलने के लिए अपने गांव बुलाया। पत्नी के घर से जाने के बाद अभिषेक को भी शायद श्यामा से मिलने का इंतजार था।
श्यामा का फोन आते ही वो तुरंत ही बाइक लेकर घर पर झूठ बोलकर रवाना हो गया। बौंली पहुंचने के बाद श्यामा और अभिषेक ने उस रात एक साथ ही खाना खाया।
इसके बाद बातों ही बातों में दोनों ने गांव की पहाड़ी पर विजयगढ़ किले में घूमने जाने का प्लान बना लिया। इसके बाद वो बाइक पर बैठकर विजयगढ़ किले पर पहुंच गए थे।
मर्डर के लिए श्यामा धोखे से अभिषेक को अपने साथ विजयगढ़ के वीरान किले में ले गई थी।
रॉड, कुल्हाड़ी, सरिये से किए वार
किले के अंदर पहले से ही नावेद लोहे की रॉड लेकर छिपा हुआ था। अभिषेक और श्यामा के अंदर पहुंचने के काफी देर बाद नावेद ने पीछे से अभिषेक के सिर में जोरदार वार किया। इस वार से अभिषेक ढेर हो गया।
इसके बाद नावेद और श्यामा ने मिलकर कुल्हाड़ी और सरिये से अभिषेक के सिर में एक के बाद एक कई वार किए। जब उन्हें तसल्ली हो गई कि अब अभिषेक मर चुका है तो उन्होंने वार करना बंद किया।
नावेद ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि कमांडो ट्रेनिंग कर चुका काॅन्स्टेबल अभिषेक लंबा और मजबूत कद काठीवाला था। इसी वजह से सरिया हाथ में होने के बावजूद नावेद काफी घबरा गया था।
सिपाही होने के नाते अभिषेक खंडहर में काफी सतर्क था और संदेह में बार-बार इधर-उधर झांकता भी रहता था। यही वजह है कि काफी देर तक नावेद उस पर वार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
उसे डर था कि अगर वार खाली जाता तो अकेला अभिषेक उन दोनों से निबटने के लिए काफी था। आखिर में मौका पाकर उसने अभिषेक पर पीछे से वार किया था।
जंगल में फेंके कपड़े, किले में दफनाई लाश
श्यामा और नावेद ने पुलिस को बताया कि इसके बाद दोनों ने मिलकर अभिषेक के कपड़े उतारे और उन्हें जंगल में फेंक दिया। अभिषेक का मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया।
इसके बाद वहीं विजयगढ़ के सुनसान किले में फावड़े से गड्ढा खोदा। इसी गड्ढे में अभिषेक की लाश को दफन कर दिया। इसके बाद दोनों वापस अपने-अपने घर लौट गए।
श्यामा और अभिषेक की निशानदेही पर पुलिस ने विजयगढ़ के किले में खुदाई की तो कंकाल निकला। डीएनए जांच में साबित हुआ कि कंकाल अभिषेक का ही है।
जमीन से निकाला अभिषेक का कंकाल
अभिषेक के मर्डर की खौफनाक कहानी जानने के बाद पुलिस श्यामा और नावेद को लेकर विजयगढ़ के किले में पहुंची। दोनों की निशानदेही पर गड्ढा खोदा गया।
मर्डर को 4 महीने से ज्यादा समय बीत चुका था। यहां पुलिस को मानव कंकाल ही मिल पाया था। वहीं हत्या में इस्तेमाल लोहे का सरिया, कुल्हाड़ी और फावड़ा नावेद के घर से बरामद कर लिया गया।
डीएनए जांच में ये प्रूव हो गया था कि किले से निकला मानव कंकाल कॉन्स्टेबल अभिषेक शर्मा का ही था। पुलिस ने श्यामा और नावेद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
साल 2020 में पेश हुई चार्जशीट
अभिषेक की बहन शीतल शर्मा ने तब बताया था कि वह कभी सोच भी नहीं सकती थी कि उसका भाई ऐसे षड्यंत्र में भी फंस सकता है। श्यामा ने पहले तो उसका घर उजाड़ा और बाद में उसी को मौत के घाट उतार दिया।
28 अगस्त को जब भाई शाम को 7 बजे घर से निकला था तो मुझसे कहकर गया था खाना मत बनाना, मैं कल आऊंगा। रात 11 बजे से उसका मोबाइल भी स्विचऑफ हो गया था।
12 मार्च 2020 को दोनों हत्या आरोपियों श्यामा और नावेद के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दी। फिलहाल ये मामला कोर्ट में अंडर ट्रायल चल रहा है।
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