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“मैं अब भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा, जिनकी वजह से उनकी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। मैं एनडीए में रहा हूं। हमने साढ़े 4 साल तक उनका साथ दिया। शायद ही देश की कोई और पार्टी इतने लंबे समय तक उनका साथ दिया हो, लेकिन हमें सम्मान नहीं मिला। हमारा उनसे कोई झगड
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हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने एक मीडिया एजेंसी को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने INDIA गठबंधन के साथ गठजोड़ पर कहा कि देखते हैं अगर हमारे पास संख्या होती है और हां अगर हमारी पार्टी को प्राथमिकता दी जाती है तो क्यों नहीं।
दुष्यंत के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसने बुलाया उनको। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से भाजपा तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाएगी, एक नया रिकॉर्ड बनेगा। हम हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जीत हासिल करेंगे।
अब पढ़िए दुष्यंत चौटाला के इंटरव्यू की 5 अहम बातें…
1. मेरी कोई गलती है तो मैं माफी मांग रहा हूं
लोकसभा चुनाव में मिली हार पर दुष्यंत ने कहा-हम आज भी कॉन्फिडेंस में है। जो होना था हो गया, जो गुस्सा था वो निकल गया। हरियाणा में एक कहावत है, आपने को मारे तो छाया में गैरों, मतलब अगर कोई अपना मारता है तो उसे धूप से बचाने के लिए छाया में डालता है। मेरी कोई गलती है तो मैं माफी मांग रहा हूं। क्योंकि हरियाणा के 2 करोड़ लोग मेरे अपने हैं। ये कोई तमिलनाडु से थोड़े आए हैं। मुझे लगता है कि मुझे गले लगाएंगे।
2. जातिगत जनगणना होनी चाहिए
दुष्यंत चौटाला ने इंटरव्यू के दौरान जातिगत जनगणना पर भी बात की। उन्होंने कहा- जातिगत जनगणना होनी चाहिए। ताकि देश के लोगों को सब कुछ पता चल सके। कई देशों में जातिगत जनगणना भी होती है। मुझे हैरानी है कि 2020 में देश में जातिगत जनगणना के अलावा जनसंख्या भी होनी थी।
प्रधानमंत्री देश में 140 करोड़ लोगों की बात करते हैं, कोई 141 करोड़ की बात करता है। सबसे पहले जनसंख्या गणना भी होनी चाहिए, ताकि असली आंकड़ा पता चल सकें। क्योंकि प्रधानमंत्री अपने भाषणों में कहते हैं कि हमने इतने लाख लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। उदाहरण के तौर पर बता दूं कि जब मेरे पास हरियाणा में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय था। 12 लाख नए बीपीएल कार्ड बनाए गए थे। अब देखिए जनसंख्या का सही आंकड़ा न होने के कारण दोनों में कितना अंतर है।
3. विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग हैं
दुष्यंत ने कहा कि हर विधानसभा में हमारा संगठन और कार्यकर्ता है। पिछली बार जब लोकसभा में उतरे तो हमें कोई सीट नहीं मिली, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी ने 10 सीटें जीती थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी हमने बहुत अच्छा किया।
छोटी-पर्ची (विधानसभा चुनाव) और बड़ी पर्ची (लोकसभा चुनाव) का जिक्र करते हुए दुष्यंत ने कहा-लोकसभा में मुद्दे और एजेंडा अलग थे, लेकिन छोटी पर्ची यानी विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग हैं। नायब सैनी के कार्यकाल में बढ़े क्राइम से लेकर अन्य तमाम मुद्दे हैं।
4. छोटे स्वार्थ में वर्षों के याराने गए
पिछले कुछ दिनों में दुष्यंत चौटाला की पार्टी के 6 विधायक उनका साथ छोड़ चुके हैं। इस पर दुष्यंत चौटाला ने अपने दादा का एक शेयर सुनाते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा-‘छोटे से स्वार्थ के लिए वर्षों के याराने गए, अच्छा हुआ ऐ दोस्त कुछ नकली चेहरे पहचाने गए। ताकत होगी तो लोग साथ आएंगे और कमजोरी होगी तो छोड़ भी जाएंगे, लेकिन मुझे उम्मीद है कि जनता हमें ताकत देगी और फिर से नए चेहरे आएंगे।
उन्होंने कहा- मैंने कहा था कि जिस दिन केंद्र सरकार एमएसपी को नुकसान पहुंचाएगी, मैं अलग हो जाऊंगा। मैं प्रधानमंत्री से भी दो बार मिला था। मैंने उनसे भी कहा था कि हम एमएसपी पर समझौता नहीं करेंगे। इसके बावजूद एक आंदोलन खड़ा किया गया। जिसमें दुष्यंत को निशाना बनाया गया।
5. नायब सैनी ने मनोहर के कामों पर यू-टर्न लिए
दुष्यंत चौटाला ने कहा- जब मैंने हरियाणा में सिविल एविएशन डिपार्टमेंट का जिम्मा संभाला तो ताजुब की बात है सिर्फ 38 करोड़ रुपए का बजट था। जब मैंने अधिकारियों से पूछा तो बताया गया कि 48 लोगों का स्टाफ है। ये सिर्फ मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर और जहाज तक ही सीमित थे, लेकिन हिसार एयरपोर्ट मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट था। हमने सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के जरिए बड़े स्तर पर काम किया और जब मैंने डिपार्टमेंट छोड़ा तो इसका बजट 3 हजार 982 करोड़ रुपए था।
जब नायब सैनी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में 94 दिन का विजन पेश किया, लेकिन 2-3 दिन बाद ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। नायब सैनी मनोहर के कामों पर यू-टर्न लेने में लगे हैं। अगर नायब सैनी को सिर्फ इतना ही टर्न लेने के लिए लाया गया था तो बेहतर होता कि मनोहर लाल खुद उनसे यू-टर्न ले लेते।
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