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<p>सिंगापुर के भारतीय मूल के विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह ने अपने मामले की सुनवाई राज्य अदालतों के बजाय हाईकोर्ट में कराने के लिए आवेदन किया है. प्रीतम सिंह (48) पर एक संसदीय समिति के सामने झूठ बोलने के दो आरोप हैं. इस संसदीय समिति का गठन नवंबर 2021 में उनकी पार्टी के पूर्व सांसद रईस खान से जुड़े झूठ विवाद की जांच के लिए किया गया था.</p>
<p>रईस खान संसद से इस्तीफा दे चुके हैं. टेलीविजन चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रीतम सिंह ने सोमवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए आवेदन किया. प्रीतम सिंह के वकील आंद्रे डेरियस जुमाभॉय और अरस्तू इमैनुएल इंग ने पूर्व परिवहन मंत्री एस. ईश्वरन के मामले का हवाला दिया, जिसकी सुनवाई अगले महीने हाईकोर्ट में होगी.</p>
<p>प्रीतम सिंह के वकीलों ने ईश्वरन मामले का हवाला देते हुए अपनी दलीलों में कहा कि उनके मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में किए जाने में जनहित भी है. न्यूज एशिया चैनल ने जुमाभॉय के हवाले से कहा कि यह अपनी तरह का पहला अभियोजन है. प्रीतम सिंह की एक वकील ने कहा, ‘यह मामला हमारे लोकतंत्र के मूल तत्व तक पहुंचता है.'</p>
<p>उन्होंने सदन की नेता, मंत्री इंद्राणी राजा की ओर से फरवरी 2022 में प्रीतम सिंह के मामले को सरकारी वकील के पास भेजने के लिए दिए गए भाषण का उल्लेख किया.</p>
<p>प्रीतम सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 239 के तहत आवेदन किया था, जिसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट तीन कारणों से मामले की सुनवाई के स्थानांतरण का आदेश दे सकता है- किसी भी राज्य न्यायालय में निष्पक्ष एवं पक्षपात रहित सुनवाई नहीं हो सकती, कोई असामान्य कठिनाई वाला विधि प्रश्न उठने की संभावना है, या दंड प्रक्रिया संहिता या किसी अन्य कानून के तहत मामले को स्थानांतरित करना आवश्यक है.</p>
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