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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
केस वन- बिल्हौर ब्लाक के जवाहर नगर की रहने वाली सुख देवी ने वर्ष 2018 में वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन किया था। आज तक आवेदन पत्र एसडीएम की लॉगिंन पर लंबित पड़ा है स्वीक़त नहीं हुआ।
केस- दो- शिवराजपुर ब्लाक के मुख्तार अनीश नगर के रहने वाले रज्जाक ने वर्ष 2018 में वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन किया था। आवेदन एसडीएम की लॉगिन की पर पड़ है आज तक जांच ही नहीं की गई।
केस तीन- कानपुर नगर के विष्णुपुरी में रहने वाले तेजा ने वर्ष 2017 में वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन किया था। आज तक आवेदन पत्र स्वीकृति नहीं हुआ। एसडीएम सदर की लॉगिन पर लंबित पड़ा है।
ऊपर दिए हुए केस तो सिर्फ बानगी भर हैं। रोजाना ऐसे दर्जनों बुजुर्ग और महिला फरियादी विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग और बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। वह विभागीय अधिकारियों से एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि साहब कब मिलेगी वृद्धा पेंशन ? लेकिन उसका जवाब न तो अधिकारी के पास न पटल पर बैठे बाबुओं के पास है। बिल्हौर निवासी 65 वर्षीय आयशा बेगम के मुताबिक उन्हें घुटनों में दर्द की शिकायत है। दवाई के लिए पैसे नहीं है। बोलीं सोचा था पेंशन के
पैसों से दवाएं लें लेंगे लेकिन पांच साल बीत गए आज तक पेंशन नहीं मिली उधार लेकर इलाज करा रही हूं। हर बार अधिकारी जल्द सत्यापन की बात कहकर टरकाते रहते हैं।
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