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26 August Ka Mausam: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश और उससे सटे पूर्वी राजस्थान पर बना दबाव का क्षेत्र अधिक दबाव वाले क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है जिसके कारण अगले दो-तीन दिन में दोनों राज्यों के अलावा गुजरात, गोवा तथा महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
IMD के अनुसार 25 अगस्त को रात साढ़े 11 बजे अधिक दबाव का केंद्र राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से 70 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में था। IMD ने देर रात दो बजे जारी अपडेट में कहा कि इस दबाव के पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ने, दक्षिणी राजस्थान और गुजरात को प्रभावित करने तथा 29 अगस्त तक सौराष्ट्र, कच्छ एवं पाकिस्तान के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के आसार हैं।
IMD के अनुसार बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्र पर भी कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। अगले दो दिन में इसके और तीव्र होने तथा पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्र, उत्तरी ओडिशा और झारखंड की ओर बढ़ने की संभावना है। IMD ने ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए कहा कि 26 अगस्त को पश्चिम मध्यप्रदेश में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है।
उसने बताया कि 26 से 29 अगस्त तक पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भी ऐसी ही स्थिति रहने का अनुमान है। कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों और झारखंड में भी अगले दो दिन में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। IMD ने 26 अगस्त को मध्यप्रदेश में 50 किलोमीटर प्रति घंटे और 26-27 अगस्त को दक्षिण राजस्थान में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है।
गुजरात, निकटवर्ती पाकिस्तान, उत्तर महाराष्ट्र और उत्तरपूर्वी अरब सागर में 26 अगस्त को 55 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है और इनकी रफ्तार 27 और 28 अगस्त को बढ़कर 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। गुजरात, पाकिस्तान और उत्तरी महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में 30 अगस्त तक समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहने की संभावना है।
उत्तरी बंगाल की खाड़ी में भी 26 अगस्त को समुद्र की स्थिति खराब रहने की संभावना है। IMD ने मछुआरों को 30 अगस्त तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी, खासकर गुजरात, पाकिस्तान और महाराष्ट्र के तटों के आसपास जाने से बचने की सलाह दी है। छोटे जहाजों और अन्वेषण और उत्पादन ऑपरेटरों को मौसम के घटनाक्रम पर नजर रखने और आवश्यक सावधानी बरतने को कहा गया है।
IMD ने खासकर शहरी इलाकों में बाढ़, सड़क बंद होने और जलभराव की भी चेतावनी दी है। भूस्खलन और बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचने का भी खतरा है।
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