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बीकानेर के पूर्व राजपरिवार का विवाद एक बार फिर अदालती प्रक्रिया में आ गया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने करणी चैरिटेबल फंड ट्रस्ट के बैंक खातों से महीनेभर में सिर्फ पचास हजार रुपए मासिक निकालने की छूट दी है। इस ट्रस्ट में पिछले दिनों सिद्धि कुमारी स्वयं अध
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दरअसल, बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी के इस ट्रस्ट में अध्यक्ष बनने और चार अन्य को ट्रस्टी बनाने का मामला विवाद में है। ट्रस्ट से हटाए गए हनुवंत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। ये याचिका देवस्थान विभाग के उस आदेश पर र ोक लगाने के लिए थी, जिसमें सिद्धि कुमारी के निर्णय को सही ठहराया गया। हाईकोर्ट ने अब देवस्थान विभाग को तीस सितम्बर तक मामले का निस्तारण करने का आदेश दिया है। साथ ही बैंक खाते से हर माह पचास हजार रुपए तक ही निकालने की छूट दी है ताकि जरूरत के काम हो सके। हनुवंत सिंह का आरोप है कि सिद्धि कुमारी ने 19 अक्टूबर 2023 को उन्हें गलत तरीके से हटाकर खुद को अध्यक्ष घोषित कर दिया। मदन सिंह, संजय शर्मा, मनीष कुमार शर्मा और धीरज भोजक को ट्रस्टी बना दिया। साथ ही 31 अक्टूबर को इससे संबंधित फॉर्म देवस्थान विभाग में जमा करवा दिया। देवस्थान विभाग ने हनुवंत सिंह की आपत्ति को अस्वीकार कर दिया। इसी के खिलाफ हनुवंत सिंह ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
हाईकोर्ट ने पिछले दिनों दिए आदेश में नए ट्रस्टी अपील का निर्णय होने तक ट्रस्ट की संपत्ति को खुर्दबुर्द नहीं कर सकेंगे। न ही किसी अन्य का अधिकार सृजित कर सकेंगे। ट्रस्ट को दैनिक जरूरतों के लिए बैंक खातों से हर महीने पचास हजार रुपए तक निकालने की छूट दी गई है। इससे ज्यादा राशि नहीं ले सकेंगे।
पहले से है विवाद
दरअसल, बीकानेर के पूर्व राजघराने में पहले से विवाद चल रहे हैं। विधायक सिद्धि कुमारी पूर्व महाराजा करणी सिंह की पोती है। करणीसिंह की बहन राज्यश्री भी पूर्व राजपरिवार के ट्रस्ट में शामिल है। दोनों के बीच भी कुछ मुद्दों को लेकर विवाद सार्वजनिक है।
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