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आम आदमी पार्टी के पांच पार्षद रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। पांचों पार्षदों के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने से निगम में आप के पार्षदों की संख्या घटेगी और उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी। अब भाजपा के पार्षद 112 हो गए हैं, जबकि आप के 127 पार्षद बचे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के अनुसार, वार्ड 28 से पार्षद रामचंद्र, वार्ड 30 से पार्षद पवन सहरावत, वार्ड 177 से पार्षद ममता पवन, वार्ड 178 से पार्षद सुघंधा बिधूड़ी एवं वार्ड 180 से पार्षद मंजू निर्मल भाजपा में शामिल हुए हैं। इनके आलावा आप के तीन सक्रिय नेता सचिन बिधूड़ी, राजू निर्मल एवं पवन कुमार भी भाजपा में शामिल हो गए। इस दलबदल को आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के पांच पार्षदों के भाजपा में जुड़ जाने के बाद अब वार्ड समिति के सदस्यों के चुनाव पर बड़ा असर हो सकता है। निगम की सबसे ताकतवर संवैधानिक निकाय, स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमिटी) के गठन को लेकर चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन पद के चयन पर भी असर पड़ेगा। स्टैंडिंग कमिटी को एमसीडी का पावर हाउस भी कहा जाता है। क्योंकि वित्तीय मामलों से जुड़े फैसले लेने का अधिकार स्टैंडिंग कमिटी के पास ही होता है। 5 करोड़ रुपए से अधिक के सभी कामकाज के लिए स्टैंडिंग कमिटी से हरी झंडी आवश्यक है।
पांच पार्षदों के दलबदल के बाद अब निगम के 12 जोन में से सात जोन में भाजपा मजबूत हो गई है। इससे पहले भाजपा सिर्फ पांच जोन में सदस्यों के संख्याबल में अधिक थी। मध्य जोन और नरेला जोन में भाजपा के सदस्य अब अधिक हो गए हैं। आम आदमी पार्टी से भाजपा में जो पार्षद गए हैं, उसमें मध्य जोन से तीन और नरेला जोन से दो पार्षद हैं। इस नए समीकरण को देखते हुए अब मध्य जोन और नरेला जोन में भाजपा सदस्यों के संख्याबल के अनुसार एल्डरमैन को मिलाकर मजबूत हो गई है। मध्य जोन में कुल 27 सदस्य हैं। इनमें पहले से ही भाजपा के 10 सदस्य थे। अब भाजपा के 13 सदस्य हो चुके हैं।
इसके अतिरिक्त नरेला जोन में एल्डरमैन की संख्या दो है। साथ ही कांग्रेस के दो सदस्य हैं। आम आदमी पार्टी के पार्षदों के भाजपा में चले जाने के बाद नरेला जोन में अब आप के सदस्यों की संख्या 13 से घटकर 10 हो गई है। भाजपा के पास मध्य जोन की वार्ड समिति के सदस्य के चुनाव के लिए एल्डरमैन को मिलाकर कुल 15 सदस्यों के वोट आ गए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के पास मध्य जोन में 10 सदस्य हैं। कांग्रेस को मिलाकर कुल 12 सदस्यों के वोट बनते हैं।
इसके अलावा नरेला जोन में कुल 20 सदस्य हैं। इनमें पहले भाजपा के छह सदस्य थे। अब भाजपा के 8 सदस्य हो गए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के पार्षदों के भाजपा में जाने के बाद आप के सदस्यों की संख्या 10 से घटकर आठ हो गई है। नरेला जोन में एल्डरमैन की संख्या चार है। इस गणित के अनुसार नरेला जोन की वार्ड समिति के सदस्य के चुनाव के लिए भाजपा के पास 12 वोट हैं।
इसमें दल-बदल विरोधी कानून नहीं लागू होगा
निगम के पूर्व अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2017-18 में दल-बदल विरोधी कानून को निगम के अधिनियम में जोड़ते हुए एक संशोधन तैयार किया गया था। इसका मसौदा राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, लेकिन इस पर कोई कार्य नहीं हुआ। इस वजह से निगम में यह कानून लागू नहीं है।
अक्टूबर में होगा स्थायी समिति का गठन
अधिकारियों के अनुसार वार्ड समितियों के चुनाव संपन्न होने के बाद 20 अक्टूबर तक स्थायी समिति का गठन होने की उम्मीद है। इसके अनुरूप निगम के कई बड़ी परियोजनाओं और प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी। अभी मौजूदा समय में स्थायी समिति के गठन न होने से 150 परियोजनाएं लंबित हैं।
चेयरमैन के चयन पर असर पड़ेगा
सात जोन में भाजपा के मजबूत होने के बाद 12 जोन की वार्ड समितियों के चुनाव में सात सदस्य भाजपा के वार्ड समिति में चयनित होकर आ सकते हैं। अभी भाजपा के पास दो मौजूदा स्थायी समिति के सदस्य हैं। स्थायी समिति का चुनाव होने पर चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के पद की दौड़ में भाजपा के शामिल होने के बाद मुकाबला रोचक हो गया है।
संवैधानिक तौर पर होते हैं 18 सदस्य
निगम के पूर्व मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता ने बताया कि निगम की सबसे ताकवर संवैधानिक निकाय स्थायी समिति के कुल 18 सदस्य होते हैं। इनमें से छह सदस्य सदन में चयनित होकर आते हैं। बाकी 12 सदस्य निगम के 12 जोन की वार्ड समिति के चुनाव के जरिए चयनित होते हैं। हर जोन से वार्ड समिति का एक सदस्य चुना जाता है।
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