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नई दिल्ली/कोलकाता, एजेंसी। सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के सिलसिले में रविवार को कोलकाता और उसके आसपास स्थित 15 स्थानों पर छापा मारा। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक सह उप प्राचार्य (एमएसवीपी) संजय वशिष्ठ और 13 अन्य लोगों के खिलाफ की गई। सीबीआई ने घोष के खिलाफ जांच में ठोस सबूत मिलने के भी संकेत दिए। सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने मरीजों की देखभाल और प्रबंधन के लिए सामग्री की आपूर्ति से जुड़े लोगों के आवासों और कार्यालयों पर भी छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी के कम से कम सात अधिकारियों ने सुबह आठ बजे से घोष से बेलियाघाटा स्थित उनके आवास पर पूछताछ शुरू की। वहीं, अन्य अधिकारियों ने वशिष्ठ एवं चिकित्सा प्रतिष्ठान के फॉरेंसिक-मेडिसिन विभाग के एक और प्रोफेसर समेत अन्य से पूछताछ की।
पूर्व एमएसवीपी से पूछताछ
अधिकारियों ने कहा कि पूर्व एमएसवीपी संजय वशिष्ठ से पूछा गया कि जब वह पद पर थे, तब अस्पताल में हुई वित्तीय अनियमितताओं के बारे में उन्हें कितनी जानकारी थी। केंद्रीय एजेंसी के अन्य अधिकारी हावड़ा में एक आपूर्तिकर्ता के घर भी गए।
पूर्व प्राचार्य के कार्यालय पर भी छापा
सीबीआई अधिकारियों के एक अन्य दल ने अस्पताल में पूर्व प्राचार्य के कार्यालय पर भी छापा मारा और वह शैक्षणिक भवन की कैंटीन (भोजनालय) में भी गया। उन्होंने वर्तमान प्राचार्य मानस कुमार बंद्योपाध्याय को सुबह अस्पताल पहुंचने और चिकित्सा प्रतिष्ठान में छापेमारी के दौरान उनके साथ रहने को कहा। बाद में जब अधिकारियों से पूछा गया कि क्या उन्हें कोई ठोस सबूत मिला है, तो एक सीबीआई अधिकारी ने जवाब दिया, …बहुत कुछ है।
बता दें कि आरजी अस्पताल नौ अगस्त को इसके सम्मेलन कक्ष में एक महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के बाद से सुर्खियों में है। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने हत्या के साथ-साथ कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले भी दर्ज किए हैं।
डेढ़ घंटे बाद पूर्व प्राचार्य ने खोला घर का दरवाजा
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की टीम केंद्रीय बलों के एक बड़े दल के साथ सुबह करीब छह बजे पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के आवास पर पहुंची। इस टीम को करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इसके बाद पूर्व प्राचार्य ने दरवाजा खोला।
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