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दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पेड़ काटने के मुद्दे पर एक बार फिर उपराज्यपाल पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे से यह साफ हो गया है कि पेड़ काटने वाली जगह पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना बीते तीन फरवरी को गए थे। अधिकारियों को मालूम था कि गैरकानूनी तरीके से पेड़ काटे जा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों ने एलजी को न इस बारे में बताया और न ही उन्हें रोका। इसके साथ ही आप ने आरोप लगाया है कि एलजी उस जगह पर गए थे, जहां 1100 पेड़ काटे गए थे।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा था कि वह हलफनामा देकर बताएं कि उपराज्यपाल ने पेड़ काटे जाने वाले क्षेत्र का दौरा किया था या नहीं। इसे लेकर दाखिल हलफनामे से साफ हो गया है कि उपराज्यपाल वहां गए और उन्होंने ही निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट सुनील बख्शी ने अपने हलफनामे में साफ तौर पर यह बात लिखी है कि तीन फरवरी 2024 को उपराज्यपाल उसी जगह पर दौरा करने गए थे, जहां 1100 पेड़ गैरकानूनी तरीके से काटे गए हैं।
‘आप’ ने आरोप लगाया है कि एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी ऑफ फॉरेस्ट सुनील बक्शी के कोर्ट में दाखिल हलफ़नामे में कहा गया है कि LG पेड़ काटे जाने वाली जगह पर गये थे। ‘आप’ के अनुसार. के इंजीनियर अशोक गुप्ता ने भी अपने हलफ़नामे में लिखा है कि 3 फरवरी को LG मौके पर पहुंचे थे। आप का कहना है कि एलजी इतने भोले नहीं है कि उन्हें पता ना हो कि पेड़ काटने के लिए परमिशनल चाहिए होती है। इस दौरान ‘आप’ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाए कि भाजपा और एलजी के आदेश पर रिज क्षेत्र में पेड़ काटे गए हैं।
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