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झारखंड के गढ़वा में एक आदिवासी महिला ने मो. इजहार अंसारी नाम के एक शख्स पर जबरन धर्म बदलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। महिला ने बताया कि आरोपी उसके साथ साल 2003 से रेप कर रहा है, जब उसकी उम्र 14 साल थी। अपनी शिकायत में पीड़िता ने कहा कि इस दौरान इजहार ने उसका तीन बार गर्भपात भी कराया। रेप से मना करने पर वह उसे वेश्यावृत्ति में धकेलने की धमकी देता था। उक्त मामले में न्यायालय ने आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला रंका थाना अंतर्गत दुधवल गांव का है। आरोप मो इजहार अंसारी, नदीम अंसारी और सुल्ताना परवीन पर लगा है। उनके खिलाफ थानांतर्गत एक गांव की महिला ने न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया।
वेश्यावृत्ति में धकेलने की धमकी
मामले की गंभीरता को समझते हुए न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अनुलिका कुमार की अदालत ने रंका थाना को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि गांव में 300 घर हैं। उनमें एक मात्र आदिवासी महिला वह है। आरोप पत्र में कहा गया है कि मो. इजहार अंसारी दुधवल पंचायत का मुखिया है। वर्ष 2003 में उसकी 14 वर्ष की उम्र में जबरन उसके घर में घुसकर हथियार के बल पर नक्सली होने का भय दिखाकर बलात्कार किया। उसके बाद से ही वह लगातार जबरन शारीरिक संबंध बनाता रहा। इस बीच उसका तीन बार गर्भपात कराया गया। पीड़िता के साथ उसकी ज्यादती उस समय और बढ़ गई जब उसने पीड़िता को अपने समुदाय में शादी नहीं करने की धमकी देते हुए इस्लाम धर्म कबूल करने का दबाव बनाता रहा। उसने धमकी दिया कि ऐसा नहीं करने पर उसे जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाएगा।
इजहार ने आरोपों को बताया निराधार
आरोपियों से तंग आकर उसने रंका थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक गढ़वा, पुलिस उपमहानिरीक्षक पलामू व मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग रांची, पुलिस महानिरीक्षक रांची को आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने के बाद न्यायालय में परिवाद पत्र दायर कर न्याय की गुहार लगाई। उधर एसपी ने बताया कि कोर्ट से आदेश आने पर मामले में केस दर्ज कर अनुसंधान कर कार्रवाई की जाएगी। उधर मुखिया मो इजहार ने बताया कि महिला की ओर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। महिला के खिलाफ उनका जमीन का मामला पहले से ही कोर्ट में विचाराधीन है। दुर्भावना से ग्रसित होकर महिला अनर्गल आरोप लगा रही है।
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