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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को भाजपा पर धर्म, जाति, लव जिहाद और बाढ़ जिहाद के बहाने समाज में ‘जहर’ फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को कमजोर करने की साजिश चल रही है। सोरेन ने बाढ़ जिहाद शब्द के लिए भाजपा के एक मुख्यमंत्री पर तंज भी कसा।
मुख्यमंत्री ने ये टिप्पणी हजारीबाग में एक सरकारी समारोह को संबोधित करते हुए की। यहां उन्होंने झारखंड मुख्यमंत्री मैय्यन सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) योजना के तहत महिला लाभार्थियों के खातों में 1000 रुपये की पहली किस्त जारी की। इस अवसर पर सात जिलों-हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा, रामगढ़ और चतरा के 13.94 लाख लाभार्थियों के खाते में कुल 139.40 करोड़ रुपये भेजे गए।
बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए सोरेन ने कहा कि बीजेपी असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से नेताओं को आयात करती है, क्योंकि यहां के नेता झारखंड को संभाल नहीं पा रहे हैं। ये नेता हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, अगड़े-पिछड़े के नाम पर समाज में जहर फैला रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा कि हाल ही में एक भाजपा सीएम ने अपने राज्य में बाढ़ का सामना कर रहे बाढ़ को ‘बाढ़ जिहाद’ नाम दिया है। दिलचस्प बात यह है कि अब वे पानी में भी हिंदू-मुसलमान, अगड़े, पिछड़े, आदिवासी और दलित ढूंढ रहे हैं। पहले लव जिहाद, शिक्षा जिहाद और अब बाढ़ जिहाद कहते हैं। सोरेन ने कहा कि ऐसे लोगों से सावधान रहें।
सीएम ने आगे आरोप लगाया कि आदिवासियों और दलितों का आरक्षण छीनने की साजिश चल रही है। सोरेन ने आरोप लगाया कि बहुत योजनाबद्ध तरीके से केंद्र सरकार देश में आदिवासी, दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक लोगों के अधिकारों को हड़पने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पिछली डबल इंजन सरकार ने लोगों की सामाजिक सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया। झारखंड पिछड़े राज्यों में से एक है। राज्य गठन के बाद समाज की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए थी। लेकिन हमारा विरोध सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान न देकर व्यवसायियों की सुरक्षा पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। दावा किया कि वह अपने अगले कार्यकाल में झारखंड को दिल्ली और मुंबई के विकास के बराबर ले जाएंगे।
गौरतलब है कि असम की राजधानी गुवाहाटी के अधिकांश हिस्सों में हाल ही में बाढ़ आई थी। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शहर में आई बाढ़ के लिए पास की पहाड़ी पर स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के मुस्लिम मालिक को जिम्मेदार ठहराया और ‘बाढ़ जिहाद’ जैसे सांप्रदायिक आरोप लगाए थे।
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