[ad_1]
बीजेपी शासित एक राज्य में तोतों और अन्य पक्षियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके बावजूद पक्षियों की हो रही खरीद-बिक्री पर वन विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है। राज्य के प्रधान वन संरक्षक एवं वन प्रमुख ने कानूनन संरक्षण पाए जाने वाले तोतों और अन्य पक्षियों की राज्य के समस्त क्षेत्रों में धड़ल्ले से हो रही बिक्री पर रोक लगा दी थी। विभाग ने माना है कि उस आदेश पर कार्रवाई न करने के कारण पक्षी प्रेमियों में व्यापक रोष है।
छत्तीसगढ़ के वन विभाग ने अपने आदेश में समस्त वन संरक्षक एवं वन मंडलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि उनके अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी स्थान में यदि तोतों एवं अन्य पक्षियों की, जो वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम में है, उनकी खरीदी एवं बिक्री पर तत्काल रोक लगाएं। इस संबंध में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए और आम जनता तक यह सूचना प्रसारित की जाए कि तोता एवं अन्य पक्षी को घरों में पालना एवं खरीदी बिक्री वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें सजा का प्रावधान है। वन विभाग ने इस बात पर खेद जताया कि वन संरक्षक एवं वन मंडलाधिकारियों ने अभी तक इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति भी जारी नहीं किया है।
विभाग ने अपने आदेश में आगे कहा है कि इस संबंध में आपको एक बार फिर निर्देश दिया जाता है कि प्रदेश में कानूनन संरक्षण पाए तोतों और अन्य पक्षियों एवं प्रतिबंधित वन्यजीव की बिक्री के खिलाफ तत्काल नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करें। किसी अधिकारी का नाम एवं पदनाम, मोबाइल नम्बर जारी करें जिसे इस संबंध में सूचना दी जा सके।
साथ ही टोल फ्री नम्बर 18002337000 (मुख्यालय स्तर) पर भी शिकायतों दर्ज कर कार्रवाई की जाए। इस संबंध में समय-समय पर वनमंडल का उड़नदस्ता द्वारा ऐसी गतिविधियों पर रोक के लिए निगरानी कर कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस आदेश के बाद ऐसा माना जा रहा है कि राज्य में अब पक्षी पिंजरों में कैद नहीं होंगे।
[ad_2]
Source link