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मध्य प्रदेश के मंदसौर में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया जाता है कि डॉक्टरों ने 10 साल पहले महिला की नसबंदी के ऑपरेशन के बाद आर्ट्स फोरसेफ (कैंची) पेट में छोड़ दी थी। इससे महिला वर्षों से पेट दर्द से परेशान रही। महिला के परिवार ने 10 साल बाद महिला का एक्सरे निकलवाया तो उसकी रिपोर्ट देख सन्न रह गए। एक्सरे में महिला के पेट में एक अजीब चीज नजर आई। इसके बाद परिजन गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने महिला का सफल ऑपरेशन कर के पेट में पड़ी कैंची को बाहर निकाला।
अब पीड़िता के पति ने सीएम को पत्र लिखकर क्षतिपूर्ति की मांग की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मंदसौर जिले की सीतामऊ नगर की रहने वाली महिला ने दिसंबर 2014 में जिले के ही शामगढ़ नगर के स्वास्थ्य केंद्र में अपनी दो संतान के बाद नसबंदी का ऑपरेशन कराया था। महिला का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक ने ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरती और महिला की जान के साथ खिलवाड़ किया। पति निलेश का आरोप है कि दस साल पहले हुए नसबंदी ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने आर्टीपोरसेफ (कैंची नुमा टूल) महिला के पेट में ही छोड़ दिया था।
इस ऑपरेशन के बाद महिला दस वर्षों से पेट दर्द से परेशान थी। महिला और उसका पति पेट दर्द की शिकायत लेकर इधर-उधर भटकते रहे लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं हुआ कि डॉक्टरों ने उनके जीवन के साथ बड़ा खिलवाड़ किया है। आरोप है कि यह ऑपरेशन डॉक्टर राकेश पाटीदार नाम के डॉक्टर ने किया था। 12 जनवरी 2015 को डॉक्टर संजय शर्मा ने महिला को नसबंदी और फिटनेस प्रमाण पत्र भी दे दिया था। दर्द से परेशान महिला वर्षों से परिवार के साथ दर-दर इलाज के लिए भटकती रही।
महिल ने 30 जुलाई 2024 को सीतामऊ के शासकीय अस्पताल पेट दर्द का इलाज कराने पहुंची। पति ने लंबे समय से इस परेशानी का होना बताया तो डॉक्टरों ने महिला के पेट का एक्सरे कराया। जब एक्सरे सामने आया तो चौंकाने वाली तस्वीर दिखी। महिला के पेट में कैंची नुमा आकार का जिसे मेडिकल भाषा में ‘आर्टीपोरसेफ’ कहा जाता है वह दिखाई दिया। यह देख महिला, उसका पति और डॉक्टर हैरान रह गए। सितामऊ के डॉक्टरों ने महिला को जिला अस्पताल मंदसौर के लिए रेफर किया। इसके बाद महिला को ऑपरेशन के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया।
पिछले माह परिजन महिला को लेकर अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने महिला का सफल ऑपरेशन कर पेट में वर्षों से पड़े कैंची नुमा औजार को बाहर निकाला। महिला फिलहाल अपने घर पर हैं और पीड़ा से जूझ रही है। परिजनों कहना है की महिला की तबीयत अभी भी ठीक नहीं है। महिला के पति निलेश ने 10 साल पहले डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, जिला कलेक्टर, एसपी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी से की है। पति ने पत्र में कहा है कि आरोपी डॉक्टर अभी भी पदस्थ हैं। दोनों डॉक्टरों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिये। जिला कलेक्टर अदिति गर्ग ने कहा कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के लिए निर्देशित किया गया है। जांच टीम भी गठित की जाएगी।
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