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किसान
– फोटो : अमर उजाला
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वर्दी में बेटा-बेटी हो तो सिर फक्र से ऊंचा हो जाता है। गांव में कोई भी सेना और पुलिस में नहीं हैं। अपनी बेटियों को पढ़ा-लिखाकर आत्मनिर्भर बनाना चाहता हूं। वह वर्दी पहनकर गांव में आएंगी तो पिता का ही नाम रोशन होगा। देश ही नहीं, समाज की सेवा का अवसर भी उन्हें मिलेगा।
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