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दादा काला पीर मठ के महंत शुक्राई नाथ योगी।
हरियाणा में हिसार के नारनौंद क्षेत्र के कोथ कलां स्थित दादा काला पीर मठ के महंत शुक्राई नाथ योगी को जान से मारने की धमकी मिली है। महंत के मठ में एक अन्य महंत आया और गोली मारने की बात कहकर गया। वह मठ को लेकर चल रहे केस में गवाही न देने की चेतावनी दे र
.
इसके बाद महंत शुक्राई नाथ योगी ने पुलिस को शिकायत दी है। नारनौंद थाना पुलिस ने आरोपी बाबा सुंदराई नाथ के खिलाफ धमकाने का मुकदमा दर्ज किया है।
मठ में आकर गाली-गलौज की
महंत शुक्राई नाथ योगी ने पुलिस बताया है कि बीत गुरुवार की शाम करीब 7 बजे कोथ कलां गांव का ही रहने वाला युवक जयप्रकाश मठ में उनसे मिलने आया। ये लोग मठ प्रांगण में बनी कमंडल मूर्ति के पास बैठे बातचीत कर रहे थे। अचानक बाबा सुंदराई नाथ मठ में घुस आया।
शुक्राई नाथ ने बताया कि सुंदराई नाथ ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि वह सीधे हिसार कोर्ट से तारीख भुगत कर आया है। केस में अगली तारीख 19 सितंबर की मिली है। सुंदराई नाथ कह रहा था, “अगर तू उस दिन कोर्ट में हमारे खिलाफ गवाही देने पहुंचा तो तुझे गोली मार दी जाएगी।”
महंत शुक्राई नाथ का कहना है कि इस धमकी के दौरान सुंदराई नाथ ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज भी की। फिर वहां से भाग गया। पुलिस ने आरोपी पर धारा 232, 296, 351(3) के तहत केस कर लिया है।
बाबा काला पीर डेरे पर पहुंचे योग गुरू बाबा रामदेव और उन्हें प्रणाम करते महंत शुक्राई नाथ।
डेरे को लेकर चल रहा विवाद
जानकारी के अनुसार, बाबा काला पीर डेरे की गद्दी को लेकर सालों से विवाद चल रहा है। इसकी शुरुआत 2018 में हुई। बताया जाता है कि वर्ष 2018 में गद्दीनशीन की मौत के बाद बाबा काला पीर डेरे की गद्दी के 2 दावेदार थे। एक बाबा शुक्राई नाथ जिन्हें धमकी मिली है। वहीं, दूसरे बाबा भजनाई नाथ, जिनके पक्ष के बाबा सुंदराई नाथ ने धमकी दी है।
इस विवाद को सुलझाने के लिए साधु समाज के 8 पीर अस्थल बोहर डेरे में बैठक कर फैसला करने वाले थे। इस गद्दी को लेकर गांव कोथ कलां के लोग बंटे हुए थे। कुछ ग्रामीण बाबा शुक्राई नाथ का समर्थन कर रहे थे तो कुछ बाबा भजनाई नाथ के पाले में खड़े थे।
8 पीरों ने गद्दी पर शुक्राई नाथ को बैठाया
गद्दी को लेकर गांव में कई बार पंचायत भी हुई, लेकिन बात सिरे न चढ़ती देख गांव कोथ कलां व कोथ खुर्द के ग्रामीणों ने एक कमेटी का गठन कर फैसला कमेटी पर छोड़ दिया।
लेकिन, कमेटी ने फैसला सुनाने के बजाय इसका फैसला साधु समाज के 8 पीरों पर छोड़ दिया। 8 पीरों ने फैसला शुक्राई नाथ के हक में सुनाया। इससे बाबा भजनाई नाथ के समर्थक भड़क गए। भजनाई नाथ के समर्थकों की भीड़ ने डेरे पर धावा बोल दिया।
इस दौरान पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो पुलिस पर पथराव किया गया। शरारती तत्वों ने एक घंटे तक जमकर पत्थरबाजी की। पत्थरबाजी में हांसी के DSP नरेंद्र कादयान सहित 8 लोग घायल हुए। मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 37 नामजद सहित डेढ़ सौ से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया।
यह केस अब तक कोर्ट में चल रहा है। इसी मामले में महंत शुक्राई नाथ गवाही देने वाले हैं। उन्हें गवाही देने से रोकने के लिए दूसरे पक्ष के सदस्य बाबा सुंदराई नाथ ने धमकी दी है।
गोरखपुर में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे महंत शुक्राई नाथ।
महंत पर 2020 में हुआ हमला
बाबा काला पीर मठ के प्रमुख महंत शुक्राई नाथ पर 4 साल पहले मठ के अंदर भी हमला हुआ था। हमले में महंत गंभीर रूप से घायल हुए। घटना के समय महंत को मिला गनमैन मठ में मौजूद था, लेकिन वह महंत के कमरे के बाहर तैनात था। हालांकि, हमलावर युवक को मौके पर ही पकड़ लिया गया था, और उसे पुलिस को सौंप दिया।
2022 में योगी के लिए महंत शुक्राई नाथ ने किया था प्रचार
कोथ कलां मठ से वर्ष 2022 में महंत शुक्राई नाथ उत्तर प्रदेश गए थे। वहां उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए यूपी के CM योगी आदित्यनाथ का प्रचार किया। उनके साथ डेरे के अन्य साधु भी गोरखपुर गए थे।
महंत शुक्राई नाथ ने तब कहा था कि यूपी में योगी कहीं से भी चुनाव लड़ कर जीत सकते हैं। उन्होंने कहा था कि योगी आदित्यनाथ ने यूपी को मिनी पाकिस्तान बनने से बचाया है, और उन्होंने इस भूमि को स्वर्ग बनाने का अथक प्रयास किया है।
कोथ कलां मठ में योगी का दौरा हुआ था रद्द
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। गोरखपुर नाथ समुदाय का केंद्र भी रहा है। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से वह सांसद भी रह चुके हैं। साधु समाज में मान के 8 पीर माने गए हैं, जिनमें से हरियाणा के कोथ कलां स्थित दादा काला पीर मठ सबसे बड़ा माना जाता है।
इस मठ में योगी आदित्यनाथ के नजदीकी योगी शुक्राई नाथ गद्दीनशीन हैं। 2021 में योगी आदित्यनाथ को इस मठ में आना भी था, लेकिन वह किन्हीं कारणों से नहीं आ पाए। उन्होंने अपना संदेश मठ के भेज कर यह वादा किया था कि वह भविष्य में कोथ कलां के इस मठ में जरूर आएंगे।
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