[ad_1]
मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और यही मथुरा की पहचान है। लेकिन श्रीकृष्ण को योगेश्वर की पहचान देने वाले चारों धाम मप्र में हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने सांदीपनि आश्रम से शिक्षा, नारायणा से मित्रता, अमझेरा से वीरता और जानापाव से विनम्रता का संदेश दिया। हम
.
दरअसल, मप्र में शासकीय स्तर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े प्रसंगों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की थी। इस पर कांग्रेस के विरोध को लेकर पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि 5000 साल पहले कंस के वध के बाद उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की।
श्रीकृष्ण बने योगेश्वर...उन्होंने बताया कि महिदपुर से 9 किमी दूर नारायणा गांव में भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता हुई। भगवान ने बताया कि मित्रता में अमीर- गरीब का अंतर नहीं होता। धार के पास अमझेरा में वीरता के बल पर रुक्मणी हरण में भगवान ने रुक्मी को हराया। महू के पास जानापाव में विनम्रता से श्रीकृष्ण ने परशुराम जी से सुदर्शन चक्र प्राप्त किया। ये चारों धाम जिन्होंने श्रीकृष्ण को योगेश्वर की पहचान दी उनके बारे में हमें जानना चाहिए।
[ad_2]
Source link