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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
– फोटो : amar ujala
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सपा हरियाणा विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत सीटें लेने पर अडिग है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व को बता दिया गया है कि अगर हरियाणा में सपा कमजोर है तो यूपी में भी कांग्रेस मजबूत नहीं है। उपचुनाव वाली जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, वर्ष 2022 के चुनाव में वहां कांग्रेस की हालत बेहद खराब रही थी।
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने यूपी के उपचुनाव में 3 से 5 सीटें मांगी हैं, तो सपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र में दावा ठोका है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम जारी हो चुका है। सपा का कहना है कि हरियाणा में 11 सीटें यादव बहुल और 7 सीटें मुस्लिम बहुल हैं। इनमें से सपा 5 सीटें मांग रही है। दूसरी ओर बताते हैं कि कांग्रेस की हरियाणा इकाई के नेता सपा को साझेदारी के तहत सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि यहां सपा का जनाधार ही नहीं है।
सपा सूत्रों का कहना है कि यूपी में उपचुनाव वाली 8 सीटों पर 2022 में कांग्रेस 6 हजार वोटों के अंदर ही सिमट गई थी। मीरापुर, कुंदरकी, खैर और फूलपुर में तो उसे दो हजार वोट भी नहीं मिले थे। 10 हजार मतों से ऊपर सिर्फ एक सीट गाजियाबाद में ही कांग्रेस गई थी।
अगर सपा का हरियाणा में दावा नहीं बनता है तो उस आधार पर यूपी के उपचुनाव में भी कांग्रेस को दावा करने का अधिकार नहीं है। हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि महाराष्ट्र और हरियाणा को लेकर कांग्रेस नेतृत्व को अपनी बात बता दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी की सीटों पर साझेदारी हरियाणा और महाराष्ट्र पर निर्भर करेगी। अगर इन दो राज्यों में सपा को हिस्सेदारी नहीं मिली तो यूपी में भी सपा, कांग्रेस को कोई सीट देने की इच्छुक नहीं है।
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