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नई दिल्ली: एक ओर युक्रेन-रूस जंग लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर इजरायल-हमास. दुनिया दो खेमों में बंट चुकी है. पूरी दुनिया ही जंग के मुहाने पर है. ऐसे में भारत ही वह देश है, जो दुनिया को शांति का पाठ पढ़ा रहा है. पीएम मोदी पोलैंड दौरे पर हैं. पोलैंड के बाद वह उस देश की यात्रा करेंगे, जिसे भारत का दोस्त अपना दुश्मन मानता है. यह वही देश है जब पीएम मोदी ने पुतिन को गले लगाया था, तब खूब जहर उगला था. वह पीएम मोदी और पुतिन की दोस्ती और गले मिलने से खफा था. लोकतंत्र की दुहाई देने लगा था. मगर आज वही देश पीएम मोदी को गले लगाने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं यूक्रेन की. रूस और यूक्रेन में करी ढाई साल से युद्ध जारी है. यह जगजाहिर है कि रूस और भारत दोनों अजीज और सदाबहार दोस्त हैं. मगर बात जब विश्व शांति की हो तो भारत वही कदम उठाता है जो दुनिया के हित में होता है. पीएम मोदी ने बार-बार इसका सबूत भी दिया है.
यही वजह है कि पीएम मोदी अब यूक्रेन जा रहे हैं. पीएम मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन में रहेंगे और कीव में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे. संभवत: पीएम मोदी जब जेलेंस्की से मिलेंगे तो उनकी मुलाकात और बॉडी लैंग्वेज चर्चा के केंद्र में होगी. जिस तरह मोदी-पुतिन की मुलाकात पर सबकी नजर थी, मोदी-जेलेंस्की पर भी दुनिया की नजर होगी. खासकर रूस और अमेरिका. जेलेंस्की फिलहाल, पीएम मोदी के पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं. जब मॉस्को में मोदी और पुतिन मिले थे, तब जेलेंस्की ही वह शख्स थे, जिन्होंने इस मुलाकात से आगबबूला हो गए थे. जेलेंस्की ने इस मुलाकात पर निराशा जताई थी और कहा था कि सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को पुतिन से गले मिलते देख झटका लगा.
मोदी ने कैसे पलटा पासा
मगर यह मोदी का जादू ही कहिए कि उन्होंने पासा पूरी तरह से पलट दिया है. अब खुद जेलेंस्की उसी तरह गले मिलने वाले पल का इंतजार कर रहे होंगे. वैसे तो इस यात्रा के दौरान भारत और यूक्रेन के बीच कई अहम समझौतों और दस्तावेज पर हस्ताक्षर होने हैं. मगर बात केवल इतनी सी नहीं है. रूस-यूक्रेन जंग को खत्म कराने में भारत पर्दे के पीछे से बड़ी भूमिका निभा रहा है. पहले रूस में जाकर पुतिन को जंग पर दो टूक समझाना और अब यूक्रेन जाना, यह इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत कभी गुटबाजी में नहीं रहा. वह तटस्थ होकर दुनिया को शांति की राहत दिखाता रहा है. इस बार भी पीएम मोदी जब यूक्रेन में होंगे तो वह जंग खत्म करवाने की ही वकालत करते दिखेंगे.
भारत नहीं करता नाराजगी की परवाह
हालांकि, अब सवाल है कि क्या पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे से क्या रूस नाराज होगा? तो ऐसा लग नहीं रहा. क्योंकि पीएम मोदी यूक्रेन से संबंध बेहतर करने और जंग खत्म की कवायद में जुटे हैं. लेकिन यह बात सच है कि पीएम मोदी का यूक्रेन जाना रूस को जरा सा खटकेगा जरूर. रूस के लिए भारत पक्का दोस्त है तो यूक्रेन उसका कट्टर दुश्मन. मगर भारत यूं ही विश्वशांति का दूत नहीं है. जब बात विश्व शांति और बंधुत्व की होती है तो भारत दोस्ती और दुश्मनी से परे केवल विश्वकल्याण की बात करता है. भारत किसी की नाराजगी की परवाह नहीं करता. पीएम मोदी के रूस दौरे से अमेरिका भी नाराज ही चल रहा था. मगर पीएम मोदी ने वही किया जो सही था. भले ही कोई नाराज हो जाए, मगर वैश्विक मंच पर भारत वही बोलता है, जो दुनिया में शांति कायम करने के लिए सही होता है. मौजूदा वक्त में जब सभी देश अलग-अलग खेमों में बंट चुके हैं, ऐसे में भारत ही वह देश है जो रूस को भी समझा रहा है तो यूक्रेन को भी. यह बात खुद अमेरिका भी जानता है कि केवल भारत ही रूस को जंग खत्म करने के लिए मना सकता है.
क्यों अहम है मोदी का यह यूक्रेन दौरा
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है, जब रूस-यूक्रेन जंग एक नए मोड़ पर है. यूक्रेन ने रूस के करीब 1100 किलोमीटर के इलाके पर कब्जा कर लिया है. यूक्रेनी सेना रूस के अंदर 9 किमी तक घुसी हुई है. यूक्रेन ने तो रूस के एक शहर पर कब्जा कर वहां मिलिट्री ऑफिस तर खोल दिया है. वहीं, रूस का दावा है कि उसकी सेना ने यूक्रेनी सेना को चारों ओर से घेर लिया है. रूस-यूक्रेन जंग में अब पूरी तरह आर-पार की ल़ड़ाई है. इस तनाव भरे माहौल में पीएम मोदी का यूक्रेन जाना युद्ध के लिए काफी निर्णायक साबित हो सकता है. रूस खत्म करने के लिए पीएम मोदी पुतिन से बात कर चुके हैं, अब बारी जेलेंस्की से बात करने की है.
Tags: PM Modi, Russia News, Ukraine News, Ukraine war, Vladimir Putin, Volodymyr Zelensky
FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 08:26 IST
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