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पत्नी के प्रेमी की हत्या करने के करीब 9 साल पुराने मामले में आज जयपुर की एससी-एसटी मामलों की विशेष अदालत ने पति, उसके भाई और चाचा ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं।
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जज़ राजेन्द्र सिंह ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने एक राय होकर युवक की हत्या कर साक्ष्य को छिपाने का अपराध किया है। ऐसे में अभियुक्तों के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता हैं। अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 85 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
मारपीट करके की थी हत्या
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मुराद बेग ने अदालत को बताया कि 16 जुलाई, 2015 को प्रहलाद खर्रा ने एसएमएस अस्पताल में पुलिस को रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उसके गांव का पडोसी सीकर निवासी राजेश कुमार वर्मा एक दिन पहले शाम को भांकरोटा जाने की कहकर घर से निकला था। वहीं उसे सूचना मिली की राजेश की लाश भांकरोटा में जयसिंह पुरा रोड पर मिली है।
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान एपीपी ने अदालत को बताया कि अभियुक्त पूरण की पत्नी का प्रेम प्रसंग राजेश के साथ चल रहा था। दोनों रोजाना मोबाइल पर बात करते थे। घटना के दिन पूरण की पत्नी ने राजेश को मिलने अपने पास बुलाया था। जिसकी जानकारी पूरण व अन्य अभियुक्तों को लग गई। ऐसे में उन्होंने पत्नी से मिलने पहुंचे पूरण को डंडे और पत्थरों से मारा। जिसके कारण उसने दम तोड दिया। इस पर अभियुक्त उसकी लाश को जयसिंहपुरा से पत्रकार कॉलोनी जाने वाले रास्ते पर डालकर आ गए।
अदालत ने पति पूरण उसके भाई गीतम और एक चाचा ससुर गोपाल लाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं प्रकरण से जुड़े आरोपी पिता मनोहर लाल की पूर्व में मौत होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप कर दी गई।
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