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कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। करनाल में कांग्रेस की संदेश यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि पहले भी उनकी इच्छा विधानसभा चुनाव लड़ने की थी और अब भी है। आखिरी फैसला हाईकमान करेगा। जब उनसे पूछा गया कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बयान दिया है कि अगर रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। इस पर सैलजा ने कहा कि यह पार्टी का फैसला होता है। सब पार्टी हाईकमान तय करती है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के टिकटों का वितरण जल्द हो जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटी जल्द नाम तय करके केंद्रीय चुनाव कमेटी के पास भेज देगी। संदेश यात्रा में शैलजा के साथ सांसद रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद रहे। सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा कांग्रेस की दिग्गज नेता हैं।
शैलजा हरियाणा की सियासत में अपना रसूख और बढ़ाना चाहती हैं इसलिए वह विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसका संकेत वह पहले भी कई बार दे चुकी हैं लेकिन आज उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह बात कही है। अगर वह विधानसभा चुनाव लड़ती हैं और कांग्रेस की हरियाणा की सत्ता में वापसी होती हैं तो सीएम पद के लिए मजबूती दावेदारों में से एक हो सकती हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे की बेचैनी बढ़नी तय है।
भूपेंद्र हुड्डा की चिंताएं और कांग्रेस हाईकमान का सिरदर्द बढ़ा
कुमारी शैलजा के विधानसभा चुनाव लड़ने से भूपेंद्र हुड्डा की चिंताएं बढ़ गई हैं क्योंकि वह खुद को सीएम पद का सबसे मजबूत दावेदार मानते हैं। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान की सिरदर्दी भी बढ़ जाएगी। एक तरफ जहां कांग्रेस इस बार हरियाणा में जीत की आस लगाए बैठी है, वहीं नेताओं के बीच सीएम पद की खींचतान आने वाले दिनों में और बड़ी हो सकती है। हरियाणा कांग्रेस दो खेमों में बटी हुई दिख रही है। एक तरफ कुमारी शैलजा का खेमा और दूसरी तरफ भूपेंद्र हुड्डा का खेमा। अगर सीएम पद को लेकर दोनों खेमों में खींचतान खुलकर सामने आ गई तो इसका नुकसान कांग्रेस को चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे कांग्रेस का हौसला बढ़ा है लेकिन पार्टी की आंतरिक कलह हरियाणा में उसके लिए परेशानी का बड़ा कारण बन सकती है।
हुड्डा थे सीएम पद के सबसे मजबूत दावेदार
अभी तक कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी चेहरे को सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जिस तरह से कांग्रेस के चुनावी अभियान को लीड कर रहे हैं, उसके चलते उन्हें प्रबल दावेदार माना जा रहा है। किरण चौधरी के बीजेपी ज्वाइन करने, रणदीप सुरजेवाला के केंद्रीय राजनीति और कुमारी शैलजा के सिरसा सीट से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद भूपेंद्र हुड्डा खुद को कांग्रेस में सीएम पद की रेस में आगे मान रहे थे लेकिन अब शैलजा ने विधानसभा चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करके हुड्डा के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।
हुड्डा और कुमारी शैलजा में छत्तीस का आंकड़ा
भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा में छत्तीस का आंकड़ा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाट समुदाय से आते हैं तो कुमारी शैलजा दलित समुदाय से हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हुड्डा और शैलजा की जोड़ी के दम पर बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। भूपेंद्र हुड्डा सीएलपी और शैलजा पीसीसी अध्यक्ष की कमान संभाल रही थीं लेकिन उसके बाद से दोनों में खींचतान बढ़ गई। हुड्डा और शैलजा अपना-अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए एक-दूसरे को चुनौती देते रहते हैं। कांग्रेस का दोनों ही पार्टी हाईकमान के करीबी हैं। हाल ही में भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा दोनों ने राज्य में अलग-अलग यात्राएं निकालकर अपनी दावेदारी मजबूत की। भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष सभी जिलों में जाकर धन्यवाद कार्यक्रम कर रहे हैं तो उनके बेटे सांसद दीपेंद्र हुड्डा ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कार्यक्रम चला रहे हैं। वहीं, कुमारी शैलजा रणदीप सुरजेवाला के साथ कांग्रेस संदेश यात्रा चला रही हैं।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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