अभिषेक शर्मा /राजेश तिवारी (संवाददाता)
ओबरा /सोनभद्र – नगर पंचायत के अन्तर्गत कमीशन की होड़ ,विकास में बाधक की कहानी चरितार्थ होने लगी । ताजा मामला नगरपंचायत डाला की है जो कि विकास कार्यों में संबंधित कार्य कमीशन का भेंट चढ्ता जा रहा है।जिससे विकास कार्य बाधित हो रहा है । इसी क्रम में बतातें चलें कि लगातार वार्ड नम्बर 2,4,10 में मुख्यमंत्री नंगर सृजन योजना के तहत हुए टेंडर प्रक्रिया में बदलाव से नगरवासी सुविधाओ की राह देख रहे है। लगभग 6 माह से ज्यादा समय बीतने को चले फिर भी नगरपंचायत डाला बाजार में टेंडर प्रक्रिया का निष्कर्ष नहीँ निकल सका। जिन कार्यों को टेंडर में समय दिया जाता रहा कि कार्यों की गुणवत्ता की देख रेख 3 से 5 साल तक यदि कार्यों में दिक्कत आयी तो देख रेख सम्बन्धित फर्म द्वारा कराया जाएगा लेकिन जानकारों का मानना है कि कमीशन के होड़ में संबंधित विभाग को इसकी अवश्यकता नही पड़ी। मिली जानकारी के अनुसार नगरपंचायत – डाला में जिन फर्म के ठेकेदारों द्वारा विकास कार्यों के टेंडर यदि 18% से 20% बिलो रेट पर डाला जाता है तो जिम्मेदारों द्वारा टेंडर ही निरस्त कर दिया जा रहा है जिसे लेकर नगरपंचायत में चर्चाओ का दौर जो दिन भर सुर्खियों बनी रही । नगर पंचायत के वार्ड 2,4,10 में दिनांक 18/6/2024 को हुई टेंडर को बार-बार निरस्त कर दिया जाता है जिसका कारण स्पस्ट नही किया जा रहा। इसी क्रम में स्थानिय लोगों ने बताया कि जब तक कमीशन का रास्ता साफ नही हो जाता किसी प्रकार का टेंडर स्वीकार नही किया जाता है। ऐसे में वगैर टेंडर के ही विज्ञप्ति अखबारों में निकालकर अपने शुभचिंतकों के द्वारा चिन्हित कार्यों को कराने का प्रयास जारी है जिस पर स्थानीय लोगों ने जम कर विरोध किया।वहीं दूसरी ओर स्थानीय नगरवासियों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए नगरपंचायत डाला की उच्चस्तरीय टीम गठित कर जांच कराने व विधिक कार्यवाही करने की मांग की है।