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हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इसके अलावा कुछ ही दिनों में नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है। ऐसे में राज्य के दो मुख्य दलों भाजपा और कांग्रेस ने कैंडिडेट्स पर मंथन शुरू कर दिया है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि इसी सप्ताह पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हो सकती है। इसके लिए मंथन का दौर जारी है। भाजपा ने टिकटों पर विचार करने के लिए सर्वे भी कराए हैं। इनमें आम कार्यकर्ताओं से भी राय ली गई है कि आखिर किन विधायकों के कामकाज से आप संतुष्ट हैं।
भाजपा ने पिछले दिनों अपने सभी जिला कार्यालयों में जिला और राज्य स्तर के नेताओं से वोटिंग कराई थी। इसमें सभी से विधानसभा उम्मीदवार के लिए तीन योग्य उम्मीदवारों के नाम मांगे गए थे। माना जा रहा है कि हर सीट पर इन तीन नामों से ही किसी को मौका मिल सकता है। अब कांग्रेस की बात करें तो वह दावेदारों के इंटरव्यू ले रही है। सूबे की कुल 90 विधानसभा सीटों के लिए 2500 आवेदन मिले हैं और इन लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जा रहा है। अब तक 1000 लोगों के इंटरव्यू लिए जा चुके हैं। इन आवेदनों को जमा करने की आखिरी तारीख 10 अगस्त थी।
कांग्रेस ने अब तक लिए 1000 नेताओं के इंटरव्यू
कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा कि इंटरव्यू में नेताओं से उनका प्रोफाइल पूछा जा रहा है। इसके अलावा जाति समीकरण समेत अन्य चीजों पर भी बात हो रही है। दावेदारों से यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि आखिर उन्हें क्यों लगता है कि वह संबंधित सीट से जीत सकते हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अब तक 1000 लोगों से ही साक्षात्कार हो पाया है। इसलिए अब इस प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। इस बीच आज ही हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की एक मीटिंग दिल्ली में होने वाली है। इस मीटिंग की अध्यक्षता पार्टी के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया होंगे।
भाजपा ने उम्मीदवारों के लिए कराए सर्वे
वहीं भाजपा ने ओपिनियन पोल कराया है तो वहीं कार्यकर्ताओं से भी राय पूछी गई थी। इसके आधार पर ही टिकटों को लेकर फैसला होगा। भाजपा ने हर सीट पर कार्यकर्ताओं से ही तीन नाम मांगे थे। भाजपा ने 11 अगस्त को ऐसी वोटिंग कराई थी। वहीं पार्टी ने कई ओपिनियन पोल भी कराए थे, जिनमें उसने यह जानने की कोशिश की थी कि कौन से कैंडिडेट जीतने की स्थिति में होंगे।
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