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दस मिनट में डेढ़ लाख दो, शिक्षक की नौकरी दिलाएंगे। सर! आपकी पत्नी ने वर्ष 2015-16 में शिक्षक नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। जन्मतिथि समेत अन्य जानकारी देने के बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि शिक्षक के दो-तीन पद अभी खाली हैं। डेढ़ लाख अभी दीजिए। 10 मिनट में बताएं। इसके बाद काम नहीं होगा। जी! हां… कुछ इस तरह से अब नियुक्ति के नाम पर साइबर ठगी हो रही है। दरअसल, धनबाद समेत झारखंड के विभिन्न जिलों में हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष-2015-16 में हुई शिक्षक नियुक्ति के बाद बची हुई सीटों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
ठग कर रहे ऑफर वाले कॉल
धनबाद के कई लोगों को चतरा समेत अन्य जिलों से शिक्षक नियुक्ति के नाम पर फोन कर पैसे मांगे जा रहे हैं। धनबाद के संदीप कुमार, गंगा दयाल समेत अन्य लोगों को फोन आया था। इन लोगों ने ठग को पैसा नहीं देकर मामले की सूचना संघ प्रतिनिधियों को दी और खुद को ठगने से बचा लिया।
ठगों के पास है पूरी डिटेल
महत्वपूर्ण यह है कि फोन करने वाला व्यक्ति खुद को डीईओ व डीएसई ऑफिस का कंप्यूटर ऑपरेटर बता रहा है। वह आवेदन को पढ़कर सुनाता है यानी कि आवेदक का नाम, पता, एजुकेशनल डिग्री, जन्मतिथि समेत अन्य जानकारी देता है। आवेदन में दी गई सभी जानकारी सुनने के बाद लोग आश्चर्य करते हैं। कई लोग सही मान लेते हैं, तो कई जांच कर रहे हैं तो यह सामने आ रहा है कि साइबर फ्रॉड है। अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर आवेदकों की जानकारी साइबर फ्रॉड तक कैसे पहुंची। साइबर फ्रॉड आवेदन को पढ़कर कैसे सुना रहा है। निश्चित रूप से आवेदकों की जानकारी कहीं-न-कहीं से लीक हुई है।
मुझे फोन कर कहा कि 10 मिनट में दो
धनबाद के रहने वाले संदीप ने बताया कि मुझे सुबह 10 बजे फोन आया कि आपकी पत्नी को शिक्षक में करा देंगे। मुझे आश्चर्य इस बात से हुई कि उक्त व्यक्ति ने सभी जानकारी सही-सही दी। 10 मिनट में यस या नो कहने के लिए बोला और डेढ़ लाख रुपए मांगे। मेरे बेटे ने ट्रू कॉलर में देखा तो उसमें फ्रॉड लिखा था। हमलोगों ने पैसा देने से इनकार कर दिया।
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