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दिल्ली सरकार ने हाल ही में मोहल्ला बस सेवा लॉन्च की है। अब इन्हें किन रूट पर चलाया जाए इसके लिए परिवहन विभाग ने विधायकों से सुझाव मांगे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मोहल्ला बसें 9 मीटर लंबी सरकारी बसें हैं, जिन्हें ऐसी जगहों पर कनेक्टिविटी के लिए शुरू किया गया है, जहां मौजूदा बसें नहीं जा पातीं। कई विधायकों ने ऐसी डिटेल्स बताई हैं, जिन्हें मोहल्ला बस रूट्स में शामिल किया जाएगा। इससे दिल्ली विधानसभा में विधायकों के प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों के लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, ‘कई विधायकों से सुझाव मिले हैं… (मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल सरकार मोहल्ला बसों के लिए सबसे बेस्ट रूट बनाने के लिए सुझावों को एकसाथ करने की कोशिश करेगी। विधायकों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुरूप रूट्स को अंतिम रूप दिया जाएगा। विधायक क्षेत्रों और अपने एरिया में सार्वजनिक परिवहन की जरूरतों को अच्छी तरह से जानते हैं, और उनके सुझावों से बसों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सकेगा।’
राजेंद्र नगर के विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा, ‘लास्ट-माइल कनेक्टिविटी (मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा तैयार की गई एक बेहतरीन योजना है। लास्ट-माइल कनेक्टिविटी पर होने वाला खर्च लोगों की दैनिक कमाई का एक बड़ा हिस्सा रोजाना ऑफिस आने-जाने में खर्च हो डाता है। मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में तीन रूट सुझाए हैं, जिससे हर दिन करीब एक लाख यात्रियों को फायदा होगा।’ पाठक द्वारा सुझाए गए रूट का मकसद उनके निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न आबादी वाले इलाकों को मेट्रो स्टेशनों से जोड़ना है।
पाठक के सुझावों में इंद्रपुरी को नारायणा मेट्रो और मायापुरी से जोड़ना और बुद्ध नगर, टोडापुर और दशघरा सहित अन्य क्षेत्रों को जोड़ना शामिल है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राजेंद्र नगर में रूट का वेरिफिकेशन किया गया था। मोहल्ला बस योजना का मकसद पड़ोस आस-पास या फीडर सेवाओं के लिए 9 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसें शुरू करना है, जिसमें 2025 तक 2,180 बसें बेड़े में शामिल करने की योजना है। यह योजना सीमित सड़क चौड़ाई या रिकॉर्ड भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर केंद्रित है, और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को भी बढ़ाती है।
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