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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कहा कि अन्य धर्मों के छात्रों को धार्मिक शिक्षा देने वाले और उन्हें उनकी धार्मिक शिक्षाओं के विपरीत इबादत करने के लिए मजबूर करने वाले मदरसों को दिया जाने वाला सरकारी अनुदान बंद किया जाएगा और ऐसे मदरसों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों की बैठक के दौरान यह चेतावनी दी।
आधिकारिक विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने संविधान के अनुच्छेद-28(3) के अनुपालन में, अपने संबंधित धर्मों द्वारा निर्धारित धर्मों के अलावा अन्य धर्मों के छात्रों को धार्मिक शिक्षा देने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ऐसे मदरसों को सरकारी अनुदान रोक दिया जाएगा, जो छात्रों को उनकी अपनी मान्यताओं के विपरीत धार्मिक प्रथाओं का अध्ययन करने या उसमें शामिल होने के लिए मजबूर करते हैं। इसके अतिरिक्त, ऐसे संस्थानों को कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है, जिसमें संभावित रूप से उनकी मान्यता रद्द करना भी शामिल है।
इस आशय का आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले शुक्रवार को जारी किया था। मोहन यादव ने स्थानीय शासन को मजबूत करने के लिए कैबिनेट मंत्रियों को अपने निर्धारित जिलों में हर महीने कम से कम एक रात बिताने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और लोकायुक्त का विस्तार करने की योजना की घोषणा की।
मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा नदी के समग्र विकास के लिए मां नर्मदा मिशन के लिए एक समिति बनाई जाएगी। इस मिशन में शहरी निकाय और पंचायती राज संस्थाएं शामिल होंगी, जो नर्मदा के उद्गम से लेकर गुजरात सीमा तक इसके प्रवाह की अविरलता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगी।
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